Housing प्रोजेक्ट के लिए अब चंडीगढ़ में नहीं मिलेगी जगह, जानें क्या है कारण
आबादी से इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते बोझ और जमीन की कमी के कारण यह फैसला लिया जा रहा है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर भी चंडीगढ़ प्रेस क्लब में चर्चा के दौरान इसके संकेत दे चुके हैं।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। सिटी ब्यूटीफुल में घर लेकर बसने का सपना देखने वालों के लिए बुरी खबर है। अब उनका यह सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा। यूटी प्रशासन नए हाउसिंग प्रोजेक्ट पर रोक लगाने जा रहा है। हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए चंडीगढ़ को फ्रीज करने की प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है।
आबादी से इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते बोझ और जमीन की कमी के कारण यह फैसला लिया जा रहा है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर भी चंडीगढ़ प्रेस क्लब में चर्चा के दौरान इसके संकेत दे चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि गांवों के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। चंडीगढ़ लैंड लॉकिंग सिटी है। अब जो जमीन बची है, उसका लैंड बैंक बन रहा है। गांवों में शामलात जमीन है, इस पर क्या बने, यह विचार किया जा रहा है। लेकिन यह हाउसिंग न हो। हाउसिंग के लिए अब चंडीगढ़ में जगह नहीं है।इसके लिए पंचकूला-मोहाली में स्कोप हो सकता है।
पांच लाख आबादी के लिए बना शहर, अब रह रहे 15 लाख
क्रिएटर ली कार्बूजिए ने चंडीगढ़ को पांच लाख आबादी के लिए डिजाइन किया था। इसी हिसाब से सीवरेज, रोड, वाटर सप्लाई, ग्रीनरी और बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया था। लेकिन अब इस शहर में तीन गुणा यानी 15 लाख से भी अधिक आबादी रह रही है। पीजी और टेनेंट्स भी कम नहीं हैं। जिससे सभी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बोझ बढ़ रहा है। कई रिपोर्ट में यह आ चुका है।
नगर निगम में तो पूरा सिस्टम बैठने तक की बात उठती रही है। हाउसिंग बोर्ड के प्रस्तावित प्रोजेक्ट ही होंगे पूरे प्रशासन नए हाउ¨सग प्रोजेक्ट पर पूर्ण रोक लगा रहा है। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के प्रस्तावित प्रोजेक्ट ही पूरे होंगे। नए प्रोजेक्ट के लिए जमीन आवंटित नहीं की जाएगी।
थीम बेस्ड डेवलपमेंट पर फोकस
हाउसिंग की जगह चंडीगढ़ को एजुकेशन, हेल्थ और स्पोर्ट्स हब बनाने पर फोकस होगा। तीनों क्षेत्रों में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाएगा। थीम बेस्ड डेवलपमेंट का प्लान तैयार होगा। हाउसिंग की वजह से पहले ही शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बोझ बढ़ रहा है। इसलिए अब हाउसिंग के बजाय सुविधाओं पर जोर देने के लिए काम होगा।