चंडीगढ़ के सरकारी अस्पतालों में नहीं मुफ्त दवाइयों की सुविधा, AIMS दिल्ली में एक भी प्राइवेट मेडिकल शाप नहीं
चंडीगढ़ में पीजाआइ जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 जैसे बड़े अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में रोजाना बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। पीजीआइ चंडीगढ़ में तो रोजाना मरीजों की संख्या 10 हजार से भी ज्यादा है ।

जागरण संवाददाता चंडीगढ़। चंडीगढ़ में पीजाआइ, जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 जैसे बड़े अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में रोजाना बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। पीजीआइ चंडीगढ़ में तो रोजाना मरीजों की संख्या 10 हजार से भी ज्यादा है।
बावजूद, शहर में ऐसा एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है, जहां जरूरतमंदों को इलाज के दौरान निशुल्क दवाइयां उपलब्ध हो सके। जबकि देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्था एम्स दिल्ली की अगर बात की जाए तो यहां अस्पताल परिसर के अंदर ही जेनेरिक मेडिसिन दवाइयों की दुकान है, जो कि मरीजों को निशुल्क दवाइयां उपलब्ध करा रही हैं। एक आरटीआइ में यह तथ्य सामने आए हैं कि नई दिल्ली स्थित एम्स परिसर में कोई भी प्राइवेट मेडिकल शाप नहीं खुली है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब एम्स दिल्ली प्रबंधन अपने परिसर में मरीजों की सुविधा के लिए निशुल्क दवाइयां केमिस्ट शाप के जरिए उपलब्ध करा रहा है तो पीजीआइ चंडीगढ़ अपने परिसर में ऐसी दुकानें क्यों नहीं हो सकती जहां मरीजों को सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाइयों मुहैया कराई जा सके।
पीजीआइ में केमिस्ट शाप का एक दिन का किराया 6. 7 लाख रुपये
नई दिल्ली स्थित एम्स की तुलना में पीजीआइ चंडीगढ़ की अगर बात की जाए तो यहां इमरजेंसी में खुली प्राइवेट मेडिकल शाप का 1 दिन का किराया 6.7 लाख रुपये है। एक दिन का इतना भारी भरकम किराया केमिस्ट शाप से पीजीआइ प्रशासन लेता है। यहां तक कि शहर के दूसरे बड़े अस्पतालों में भी प्राइवेट केमिस्ट शाप संचालकों से लाखों रुपये किराया वसूला जाता है।
सभी अस्पतालों में प्रावइवेट केमिस्ट शाप
शहर में कोई भी सरकारी अस्पताल ऐसा नहीं है जहां मरीजों की सुविधा के लिए प्रशासन की तरफ से निशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने का प्रबंध किया गया हो। शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट मेडिकल शाप खोले गए हैं जिनका लाखों रुपये किराया है।

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