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शहर से बाहर के मरीजों को अस्पतालों में नो एंट्री

सरकारी अस्पतालों में बाहरी मरीजों के लिए अब नो एंट्री हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:26 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 10:26 PM (IST)
शहर से बाहर के मरीजों को अस्पतालों में नो एंट्री
शहर से बाहर के मरीजों को अस्पतालों में नो एंट्री

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के सरकारी अस्पतालों में बाहरी मरीजों के लिए अब नो एंट्री हो गई है। शहर की डिस्पेंसरी, सिविल अस्पताल और सरकारी अस्पताल में डॉक्टर पंचकूला, मोहाली, जीरकपुर, नयागांव और बाहरी राज्य से आने वाले मरीजों का ट्रीटमेंट नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि जिन मरीजों का शहर के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से रूटीन इलाज चल रहा था। अब इन मरीजों को भी वापस भेजा जा रहा है। प्रशासन कहता है चंडीगढ़ को बनाएंगे ट्राईसिटी का मेडिकल हब

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यूं तो प्रशासन चंडीगढ़ को ट्राईसिटी का मेडिकल हब बनाना चाहता है। लेकिन कोरोना की इस महामारी में अब चंडीगढ़ के सरकारी अस्पताल और डिस्पेंसरी ने शहर से बाहर के मरीजों का इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। रोजाना दो से ढाई हजार लोग पंचकूला, मोहाली, जीरकपुर और नयागांव से अपने रूटीन चेकअप या इलाज के लिए शहर के सरकारी अस्पताल का रुख कर रहे हैं। लेकिन इन्हें अस्पताल में ही घुसने नहीं दिया जाता है। अगर जैसे तैसे मरीज अस्पताल में घुस भी गए तो इनसे पहले उनका स्थानीय निवास स्थान पूछा जाता है। अगर मरीज चंडीगढ़ का हुआ तो जैसे तैसे डॉक्टर उसे देख लेते हैं। लेकिन पंचकूला, मोहाली, जीरकपुर, नयागांव या बाहरी राज्य के मरीज का इलाज करने से साफ इन्कार कर रहे हैं। केस स्टडी-1-रिचा पिछले एक साल से सेक्टर-22 सिविल अस्पताल में करा रही हैं रूटीन चेकअप

नयागांव की निवासी रिचा शर्मा शुक्रवार को सेक्टर-22 के सिविल अस्पताल में अपना रूटीन चेकअप कराने के लिए गई थी। पिछले एक साल से उनका सेक्टर-22 के सिविल अस्पताल में ही रूटीन चेकअप चल रहा है। लेकिन जब शुक्रवार को रिचा शर्मा अस्पताल गई। अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने जब उनका कार्ड बनवाने के लिए पता पूछा। तो उन्होंने बताया कि वह मोहाली के नयागांव की रहने वाली हैं। ऐसे में अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों ने उनका इलाज करने से इन्कार कर दिया। केस स्टडी-2 शैली की हुई थी डिलीवरी लेकिन नहीं देखा

जीरकपुर की रहने वाली शैली राणा शुक्रवार को जीएमएसएच-16 अस्पताल में डिलीवरी के बाद अपना रूटीन चेकअप करवाने के लिए गई थी। लेकिन जब शैली अपने चेकअप के लिए कार्ड बनवाने गई। अस्पताल के स्टाफ ने उसका कार्ड बनवाने से इन्कार कर दिया। और उसे बिना इलाज के लिए वापस अपने घर लौटना पड़ा। डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग शहर से बाहर रह रहे हैं, वह अपने जिले में ही सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण का खतरा लगातार शहर में बढ़ता जा रहा है। केस स्टडी-3 जागरण संवाददाता ने खुद की पड़ताल

लोगों की इस समस्य को देखते हुए दैनिक जागरण की संवाददाता ने खुद इसकी पड़ताल की। दैनिक जागरण की संवाददाता अपना रूटीन चेकअप कराने के बहाने से सेक्टर-22 के सिविल अस्पताल पहुंची। पहले तो संवाददाता को अस्पताल में जाने से रोका गया। इसके बाद जब संवाददाता जैसे तैसे इमरजेंसी हेल्थ कंडीशन बताते हुए सिविल अस्पताल के अंदर पहुंचीं। संवाददाता गायनी वार्ड में डॉक्टर के पास चेकअप करवाने के लिए पहुंचीं। लेकिन संवाददाता को गायनी की डॉक्टर ने अपना चेकअप करवाने के लिए जीरकपुर के सरकारी अस्पताल में जाने के लिए कहा और उसका इलाज करने से इन्कार कर दिया।


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