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पंजाब में नए हथियारों के लाइसेंस बनाने पर रोक नहीं, वेरीफिकेशन के लिए चलाया गया है अभियान

पंजाब के आइजी मुख्यालय डा. सुखचैन सिंह गिल का कहना है कि राज्य में हथियारों के नए लाइसेंस बनाने को लेकर कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर हथियारों का महिमंडन रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2022 11:12 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 11:12 AM (IST)
पंजाब में नए हथियारों के लाइसेंस बनाने पर रोक नहीं, वेरीफिकेशन के लिए चलाया गया है अभियान
पंजाब में हथियारों के लाइसेंस बनाने पर रोक नहीं। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में हथियारों के नए लाइसेंस बनाने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगी है। आइजी मुख्यालय डा. सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि सरकार की ओर से इंटरनेट मीडिया पर हथियारों का महिमामंडन करने को रोकने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं उनको लेकर लोगों को सही जानकारी नहीं है। 

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गिल ने कहा कि सभी जिलों के एसएसपी और सीपी को निर्देश दिए गए हैं कि इंटरनेट मीडिया पर हथियारों का महिलामंडन करने को लेकर अगर किसी ने कोई तस्वीर शेयर की है तो पहले उसकी व्यक्ति की जांच की जाए कि वह क्या करता है, व्यक्ति आपराधिक पृष्ठभूमि का है या नहीं, खिलौना गन तो नहीं इन सभी पहलुओं की जांच के बाद ही मामला दर्ज किया जाए।

गिल ने बताया कि 72 घंटे का समय इसलिए दिया गया था कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि हथियारों का महिमामंडन होने से रोका जाए, इसलिए अगर किसी ने फोटो डाल रखे थे तो वह हटा ले। राज्य में हथियारों के महिमामंडन को लेकर अब तक 137 एफआइआर दर्ज की गई।

5 एफआइआर नफरती भाषण और एक एफआइआर गीत के माध्यम से हथियारों को प्रमोट करने के लिए दर्ज की गई। गिल ने कहा कि जो 137 एफआइआर दर्ज की गई है इन सभी की अब गहनता से जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

आइजी मुख्यालय ने बताया कि राज्य में 3 लाख 45 हजार लाइसेंसी हथियार है। उनके पतों और किस लाइसेंस पर कितने हथियार चढ़े हैं इन सबकी वेरीफिकेशन को लेकर अभियान चलाया गया है। किसी को परेशान करने या बेवजह लाइसेंस रद करने के लिए अभियान नहीं चलाया जा रहा।

उधर, नशे के खिलाफ पुलिस की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान बीते एक सप्ताह में 4.18 किलो हेरोइन, 6.46 किलो अफीम और 37 किलो गांजा समेत 301 नशा तस्कर गिरफ्तार किए गए है। आइजी मुख्यालय ने बताया कि 231 एफआइआर दर्ज की गई। जिनमें 23 कमर्शियल मामले भी शामिल हैं।

आरोपितों के पास से 7.45 लाख रुपये की ड्रग मनी भी बरामद की गई है। डा. गिल ने बताया कि बीती 5 जुलाई से भगौड़ों को पकड़ने के लिए शुरू किए किए अभियान के दौरान बीते सप्ताह 15 भगौड़े पकड़े गए है। अब तक पकडे़ गए कुल भगौड़ों की संख्या 459 हो गई है।

मजीठिया बोले- मंत्री और आम आदमी के लिए दो अलग कानून नहीं हो सकते

पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि एक मंत्री और आम आदमी के लिए दो अलग कानून नही हो सकते, इसीलिए कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान के खिलाफ बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के आरोप में केस दर्ज किया जाए।

मजीठिया ने कहा कि भले ही पंजाब पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने इंटरनेट मीडिया से बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाली सभी तस्वीरों को हटाने के लिए 72 घंटे की समय दिया था, लेकिन अनमोल गगन इस चेतावनी पर ध्यान देने में नाकाम रहीं, इसीलिए उनके खिलाफ तुंरत केस दर्ज किया जाना चाहिए। मजीठिया ने कहा कि एक स्पष्ट संकेत भेजे जाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि खास आदमी के लिए कानून अलग नहीं है।

मजीठिया ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के बजाय बंदूक संस्कृति जैसे अभियान शुरू किए गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप नाबालिग के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे मजीठिया हलके में 2015 में दस साल की उम्र में एक युवक को बंदूक के साथ फोटो खिंचवाने के लिए केस दर्ज किया गया था। ऐसे कई उदाहरण है , जहां लोग प्रतिद्वंद्विता के कारण एक दूसरे का नाम लेते हैं।

मजीठिया ने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी की सरकार कथित बंदूक संस्कृति के खिलाफ कदम उठा रही है, साथ ही यह लोगों को बंदूक लाइसेंस जारी करने के लिए जिला रेडक्रास सोसाटियों को 20 हजार से 30 हजार तक का चंदा देने पर मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कई लाइसेंसों को एकतरफा रद्द कर दिया गया है, जिससे केवल और अधिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।

मजीठिया ने राज्य के डीजीपी से समस्या को जड़ से मिटाने के लिए कहते हुए कहा राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में गिरावट को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य पुलिस को गैंगस्टरों और असामाजिक तत्वों को जड़ से उखाड़ने के लिए खुली छूट दी जानी चाहिए। उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि आम आदमी को सही मायने में न्याय मिल सके।


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