ये हैं Gymnastics के 'नवरत्न', कोच देब ने बेहतर प्लानिंग और मेहनत से तैयार किए चैंपियन खिलाड़ी
पंजाब स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (पीआइएस) गमाडा स्टेडियम सेक्टर-78 के जिमनास्टिक्स कोच समीर देब की मेहनत लाई रंग।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। इन पंक्तियों को सही साबित करके दिखाया है पंजाब स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (पीआइएस) गमाडा स्टेडियम सेक्टर-78 के जिमनास्टिक्स कोच समीर देब ने। उन्होंने अपनी तीन साल की मेहनत से नौ Champion खिलाड़ी तैयार किए हैं जिन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में सैकड़ों मेडल जीते हैं।
इन खिलाड़ियों ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर की अलग-अलग प्रतियोगिता में 109 मेडल जीते हैं। कोच समीर खुद भी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं। वह साल 1979 नेशनल गेम्स, वर्ष 1985 की पुलिस गेम्स और वर्ष 1987 की नेशनल गेम्स में नेशनल चैंपियन रह चुके हैं। आइटीबीपी में नौकरी करते हुए उन्होंने 1976-1988 तक लगातार फोर्स के लिए मेडल जीते हैं। वह भारतीय सीनियर जिम्नास्टिक टीम के कोच और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में जज भी रह चुके हैं।
ट्रेनिंग के लिए चुने 4-5 साल की उम्र के बच्चे
समीर देब ने ट्रेनिंग के लिए योजना के तहत छोटी उम्र के जिमनास्ट चुने। नतीजा ट्रेनी जैकी सागर और अमन ने खेलो इंडिया की अंडर-14 कैटेगरी के असेस्मेंट कैंप में भाग लिया। इसमें जैकी को तीसरा स्थान मिला। अब जैकी को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) से 10 हजार रुपये मासिक स्कॉलरशिप मिलने लगी है। जैकी गत तीन सालों में कुल 29 पदकों के साथ तीन बार पंजाब स्टेट ओवरऑल बेस्ट जिम्नास्ट बना है। इसी सेंटर के ट्रेनी अमन ने भी गत तीन वर्षो में 18 मेडल जीत स्टेट चैंपियनशिप में दूसरे ओवरऑल बेस्ट जिम्नास्ट का खिताब जीता। इसी कैटेगरी में हर्षदीप सिंह 9 मेडल्स के साथ ओवरऑल तीसरे बेस्ट जिमनास्ट हैं।
पीआइएस सेंटर की तमन्ना शर्मा (अंडर-14) ने हाल ही में भारत सरकार की तरफ से पुणे में खेलो इंडिया गेम्स में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया और पंजाब से भाग लेने वाली पहली आर्टिस्टिक जिमनास्ट बनी। वह तीन साल में कुल 18 मेडल जीत चुकी हैं। जैकी सागर, अमन, हर्षदीप, तमन्ना शर्मा, आयुष अग्रवाल, नाज कौर, सगे भाई अंकित-अर्पित और सार्थक वालिया कई प्रतियोगिता में मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भी मददगार
कोच समीर देब ने बताया पीआइएस की तरफ से खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा देने से ऐसे नतीजे सामने आए हैं। मौजूदा समय में मोहाली सेंटर राज्य स्तर पर टॉप पोजिशन पर है। इस सेंटर में जिमनास्ट की सुविधाओं को देखते हुए गत तीन वर्षो में दो राष्ट्रीय और कई राज्य व जिला स्तर की जिमनास्टिक चैंपियपशिप आयोजित हो चुकी हैं। आर्टिस्टक जिमनास्ट में ओलंपिक खेल चुकी भारत की एक मात्र जिमनास्ट दीपा करमाकर भी यहां आ चुकी हैं। देब कहते हैं कि मैं अपनी जिंदगी में आज जो भी हूं, जिमनास्टिक्स की बदौलत हूं। अपना सारा अनुभव में अब इन खिलाड़ियों को देना चाहता हूं ताकि यह वर्ल्ड क्लास जिमनास्ट बन पाएं।
ओलंपियन दीपा भी कर चुकी हैं इन खिलाड़ियों को प्रेरित
आर्टिस्टक जिमनास्ट में ओलंपिक्स खेल चुकी भारत की एकमात्र जिमनास्ट दीपा करमाकर भी इन खिलाड़ियों को प्रेरित कर चुकी हैं। दीपा ने पीआइएस मोहाली सेंटर में मिल रही जिमनास्ट सुविधाओं पर खुशी जाहिर की और खिलाड़ियों को भविष्य की तैयारी के उत्साहित किया। दीपा ने कहा कि जिमनास्ट इंडिव्यूजल गेम है इसमें आपकी उपलब्धि आपके नाम होती है। इसलिए मेहनती खिलाड़ी इस खेल में आसानी से नाम कमा सकते हैं।
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