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NIA ने मोहाली आरपीजी अटैक के मुख्य शूटर को किया गिरफ्तार, अन्य आतंकी वारदातों में भी रहा है शामिल

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मई 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले के मुख्य शूटर दीपक रंगा को गिरफ्तार किया है। रंगा कनाडा स्थित लखबीर सिंह संधू उर्फ लंडा और पाकिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा का करीबी सहयोगी है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Wed, 25 Jan 2023 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 05:05 PM (IST)
NIA ने मोहाली आरपीजी अटैक के मुख्य शूटर को किया गिरफ्तार, अन्य आतंकी वारदातों में भी रहा है शामिल
NIA ने मोहाली आरपीजी अटैक के मुख्य शूटर को किया गिरफ्तार

चंडीगढ़, एएनआई ।  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मई 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले के मुख्य शूटर दीपक रंगा को गिरफ्तार किया है। बता दें कि दीपक रंगा कनाडा स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने लखबीर सिंह संधू उर्फ लंडा और पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा का करीबी सहयोगी है।

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आतंकियों से लेता था आतंकी फंड 

जानकारी के अनुसार रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले में शामिल होने के अलावा, दीपल रंगा हिंसक हत्याओं सहित कई अन्य हिंसक आतंकवादी और आपराधिक अपराधों में शामिल रहा है। वह सक्रिय रूप से रिंडा और लंडा से आतंकी फंड और रसद सहायता प्राप्त कर रहा है।

9 मई को मोहाली में हुआ था अटैक

मालूम हो कि 9 मई को मोहाली में स्टेट इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर आरपीजी हमला हुआ था, जिसका आरोपित दीपक रंगा था। हमले के बाद से ही रंगा फरार चल रहा था। सूत्रों के अनुसार मोहाली मे हुए आरपीजी हमले की प्लानिंग दीपक रंगा ने पाकिस्तान के गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंडा और कनाडा के लखविंदर सिंह उर्फ ​​लंडा के साथ मिलकर की थी। बता दें कि इस दीपक रंगा की गिरफ्तारी में एनाइए के साथ पंजाब पुलिस भी शामिल थी।

ध्यान रहे की एनआईए ने पिछले साल 20 सितंबर को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था, जब यह सामने आया था कि विदेशों में स्थित आतंकवादी संगठन और आतंकवादी तत्व लक्षित हत्याओं और हिंसक आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए देश के उत्तरी राज्यों में संचालित संगठित आपराधिक गिरोहों के नेताओं और सदस्यों के साथ मिलकर काम कर रहे थे। यह भी सामने आया था कि आतंकी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर नेटवर्क भी बंदूक चलाने वालों, अवैध हथियार और गोला-बारूद निर्माताओं के व्यापक अंतर-राज्य नेटवर्क के माध्यम से सीमा पार आतंकवादी हार्डवेयर, जैसे हथियार, गोला-बारूद विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी में लगा हुआ था।

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