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नवनियुक्त पंजाब भाजपा अध्यक्ष मलिक को 2019 की चुनौतियों से करना होगा दो-दो हाथ

पंजाब भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक को 2019 की चुनौतियों से दो-दो हाथ करना होगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 09 Apr 2018 10:15 AM (IST)Updated: Mon, 09 Apr 2018 05:29 PM (IST)
नवनियुक्त पंजाब भाजपा अध्यक्ष मलिक को 2019 की चुनौतियों से करना होगा दो-दो हाथ
नवनियुक्त पंजाब भाजपा अध्यक्ष मलिक को 2019 की चुनौतियों से करना होगा दो-दो हाथ

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। राज्यसभा सदस्य व भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक ने प्रदेश में पार्टी की कमान उस समय संभाली है, जब 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम का समय बचा है। भाजपा गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव और नगर निगम चुनाव में कोई उत्साहित करने वाला प्रदर्शन नहीं कर पाई है। विधानसभा में भी भाजपा के तीन ही सदस्य हैं और पार्टी कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं। भाजपा के पंजाब प्रभारी प्रभात झा ने नए अध्यक्ष को इन्हीं बातों से रू-ब-रू कराते हुए संगठन को उत्साहित करने का संदेश दिया है।

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा समेत सभी पूर्व अध्यक्षों ने 2019 को लेकर नवनियुक्त अध्यक्ष को अपनी नीति बनाने का पाठ पढ़ाया। वहीं, सभी ने अपने कार्यकाल को 'स्वर्णिम' बताकर नए उनके सामने एक लकीर भी खींचने की कोशिश की।

प्रभात झा ने यहां तक कह दिया, 'भले ही सिर कट जाए, लेकिन कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।' मंच पर मौजूद नेताओं ने 2019 की चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया तो मंच के नीचे से कार्यकर्ताओं ने अकाली दल के साथ गठबंधन मजबूत करने के अलावा 2019 में 'एकला चलो रे' की नीति अपनाने की मांग उठा दी।

नवनियुक्त अध्यक्ष श्वेत मलिक ने मंच पर मौजूद सभी पूर्व अध्यक्षों व मंच के नीचे मौजूद कार्यकर्ताओं को साधने की पूरी कोशिश की। श्वेत मलिक ने जहां 'कांग्रेस पंजाब छोड़ो' आंदोलन की बात कहकर सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद करने का संदेश दिया।

वहीं, सीनियर नेताओं से कहा 'आप जैसे वरिष्ठ व अनुभवी नेताओं के बीच में मैं अपने आप को बहुत छोटा पाता हूं। पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी दी है, लेकिन आपका सहयोग चाहिए।' श्वेत मलिक ने कार्यकर्ताओं से कहा, 'असली अध्यक्ष तो हमारे कार्यकर्ता ही हैं।'

सबको साथ लेकर चलने की सलाह

वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं में संतुलन बनाने की कोशिश कर नए अध्यक्ष ने सभी को साथ लेकर चलने का संदेश दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी में उत्साह का संचार करने व सभी को साथ लेकर चलने की है। क्योंकि वर्तमान में 13 माह में ही पंजाब के लोगों का कांग्रेस सरकार से मोहभंग होना शुरू हो गया है। इस स्थिति के सकारात्मक परिणाम ढूंढने होंगे। वहीं, अकाली दल को भी साथ लेकर चलना होगा।'

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