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    चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू वायरस की नई प्रजाति मिशीगन की दस्तक

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jul 2017 01:18 PM (IST)

    चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू से हड़कंप है। कुछ दिन पहले पुणे और दिल्ली में सामने आई स्वाइन फ्लू वायरस की नई प्रजाति मिशीगन एच1एन1 के चंडीगढ़ में दस्तक दी है।

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    चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू वायरस की नई प्रजाति मिशीगन की दस्तक

    चंडीगढ़, [डॉ. रविंद्र मलिक]। सिटी ब्युटीफूल चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू से हड़कंप मचा हुआ है। लोगों के संग स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अफसराें की नींद उड़ गई है। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले पुणे और दिल्ली में सामने आई स्वाइन फ्लू वायरस की नई प्रजाति मिशीगन एच1एन1 के चंडीगढ़ में दस्तक दी है।

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    इसके अलावा, वायरस की नई प्रजाति ए हांगकांग एच3एन2 और बी ब्रिसबेन की चपेट में भी लोगों के आने की बात सामने आ रही है। इसलिए एक्सपर्ट को भी निपटने में समय लग रहा है। साल 2009 से अब तक देशभर में वायरस की कैलिफोर्निया प्रजाति ही बीमारी को फैलाती रही है। यूं तो स्वास्थ्य विभाग अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश कर रहा है लेकिन नए मामले नहीं रुक रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, स्वाइन फ्लू वायरस की कई प्रजातियां एकसाथ लोगों को अपना शिकार बना रही हैं।

    गर्म मौसम में स्वाइन फ्लू बना सरदर्द

    आम तौर पर स्वाइन फ्लू के केस ठंडे मौसम में आते हैं। वायरस के लिए अनुकूल परिस्थितियां कम तापमान में सामने आते हैं। लेकिन अभी तो सर्दियां शुरू होने में कई महीने बचे हैं, फिर भी हर रोज नए केस सामने आ रहे हैं। यह विशेषज्ञों की समझ से भी परे है। एक्सपर्ट कारणों को जानने के लिए लगातार माथापच्ची कर रहे हैं।

    स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने बनाई 110 टीम

    स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने करीब 14 लाख की आबादी को कवर करने के लिए 110 मेडिकल टीमें बनाई हैं। ये टीमें संभावित मरीजों को अस्पताल लाने, रुटीन चेकअप, लोगों को अवेयर करने और बीमारी से रोकथाम व बचाव के बारे में जागरूक कर रही हैं।
     
    देशभर में आए 12600 मामले

    अब तक देशभर में इस साल करीब 12600 मामले स्वाइन फ्लू के आ चुके हैं। इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकते हैं कि साल 2016 में कुल 1786 मामले आए थे वहीं अब तक इनकी संख्या पांच गुना से ज्यादा हो चुकी है। साल 2016 में बीमारी से 265 मौतें हुई थीं जबकि इस साल मई माह तक ही करीब 350 मरीजों की जान जा चुकी है।

    पांच प्राइवेट अस्पतालों से भी लिया जा रहा फीडबैक

    बीमारी की गंभीरता को समझते हुए हेल्थ विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को आगाह कर दिया है। शहर के पांच बड़े अस्पतालों के साथ टाईअप कर हर संभावित मरीज के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

    तीन जगह बने आइसोलेशन वार्ड

    चंडीगढ़ के तीन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। गवर्नमेंट अस्पताल-16 , जीएमसीएच-32 और पीजीआइ में स्‍वाइन फ्लू के मरीजों के लिए ये वार्ड बने हैं। बीमारी से निपटने के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम सेक्टर-9 में है। सेक्टर-16 अस्पताल में रिपोर्टिंग रूम है।

    हर रोज करीब 50 मरीज आ रहे जांच के लिए

    हालत यह है कि शहर के तीन मुख्य अस्पतालों में जांच के लिए करीब 45 से 50 मरीज आ रहे हैं जिनको बुखार या बीमारी के लक्षणों की शिकायत होती है। सबसे ज्यादा करीब 15 से 20 मरीज जांच के लिए सरकारी अस्पताल-16 में आ रहे हैं।

    ट्रेवल हिस्ट्री के साथ नया मामला आया सामने

    स्वाइन फ्लू का नया मामला सरकारी अस्पताल सेक्टर-16 में आया है। इसकी पुष्टि हो गई है। केस अंबाला जिले का है। मरीज हंडेसरा कस्बे के कि सी हॉस्टल में रह रही थी। डॉक्टर्स ने बताया कि मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री है। अब तक कुल सात मामले स्वाइन फ्लू के आ चुके हैं।

    एस्प्रिन का सेवन बिल्कुल न करें

    डॉक्टरों ने मरीजों के लिए सलाह दी है कि किसी भी हालत में एस्प्रिन दवा न खाएं। किसी तरह की तकलीफ हाेने और स्‍वाइन फ्लू के लक्षण मलगने पर सीधा डॉक्टरों से संपर्क करें। ऐहतियात के तौर पर लगातार हाथ साबुन से धोएं। मुंह पर मास्क या कपड़ा रखें।
     
    बीमारी के लक्षण

    बीमारी में मरीज को बुखार की शिकायत रहती है। आंखों के पिछले हिस्से में लगातार दर्द रहता है। खांसी और सिर दर्द भी रहता है। कमजोरी और थकान के साथ गले में खराश भी रहती है।

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    '' हम वायरस की प्रजातियों को ट्रैक करने में समय लगता है। पीजीआइ के एक्सपर्ट इस काम में लगे हुए हैं।

                                                                                     - डॉ. गौरव अग्रवाल, नोडल अधिकारी, मलेरिया।