नई नीति में खिलाडि़यों की होगी बल्ले-बल्ले, मेडल लाओ और चंडीगढ़ में नौकरी पाओ
चंडीगढ़ प्रशासन भी खेल और खिलाडियों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति तैयार करने जा रहा है। अब खिलाडियाें के लिए नीति तैयार होगी कि पदक लाओ और चंडीगढ़ में ही नौकरी पाओ।
चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण ]। चंडीगढ़ से नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को जल्द खुशखबरी मिलेगी। यूटी का स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट अब मेडल लाओ, नौकरी पाओ की तर्ज पर खिलाड़ियों की सीधी भर्ती करने को लेकर नीति तैयार करने जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार इस संबंध में यूटी का खेल विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। अगर प्रस्ताव पास हो गया तो चंडीगढ़ के खिलाड़ियों को पंजाब और हरियाणा में नौकरी के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। संशोधित स्पोर्ट्स पॉलिसी में चंडीगढ़ से खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए मेडल के हिसाब से नौकरी का प्रावधान करने की सिफारिश की जाएगी। यूटी के सभी विभागों से खाली पदों का ब्योरा भी मांगा जाएगा।
पुलिस और स्पोर्ट्स विभाग के अलावा भी अब अन्य विभागों में सीधे भर्ती करने का प्रावधान होगा। नई पॉलिसी के तहत खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद सीधा खेल विभाग के माध्यम से आवेदन करेंगे व जिस विभाग में पद खाली होगा, उसमें खिलाड़ी को नियुक्ति मिल जाएगी।
पांच साल का रोडमैप हो रहा तैयार, शहर बनेगा स्पोर्ट्स हब
इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए यूटी स्पोर्ट्स विभाग ने अगले पांच साल का कैलेंडर तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। स्कूल स्तर से ही प्रतिभाशाली बच्चों को तलाश कर उन्हें बेहतर कोचिंग दी जाएगी। यहां से कोचिंग लेने वाले खिलाड़ी चंडीगढ़ कोटे से ही खेलें, इसके लिए भी नियम बनाए जाएंगे। यूटी खेल विभाग के उच्च अधिकारी ने कहा कि अगले पांच साल में चंडीगढ़ स्पोर्ट्स हब बन जाएगा।
चंडीगढ़ के खेल बजट में पांच करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा किया गया है। चंडीगढ़ में 50 करोड़ से अधिक बजट के स्पोर्ट्स इनडोर और आउटडोर स्टेडियम तैयार किए जा रहे हैं। अगले छह माह में तीन नए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स तैयार हो जाएंगे।
पीयू ने की शुरुआत, मेडल लाओ-एक लाख पाओ
यूनिवर्सिटी स्तर पर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए सबसे पहले पंजाब यूनिवर्सिटी ने पहल की। पीयू के तत्कालीन कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने वर्ल्ड कप या ओलंपिक में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों के लिए गोल्ड मेडल और एक लाख रुपये कैश की शुरुआत की थी। इस तरह के प्रयास से खिलाड़ियों में उत्साह बढ़ेगा और खेल को बढ़ावा मिलेगा।
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'' शहर में स्पोर्ट्स का वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर है, लेकिन खिलाड़ियों को जॉब सिक्योरिटी नहीं मिल रही। यूटी प्रशासन को तुरंत अच्छे खिलाड़ियों को नौकरी की स्कीम बनानी चाहिए।
-प्रो. रविंद्र चौधरी, इंटरनेशनल रेफरी।
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'' पंजाब और हरियाणा खिलाड़ियों को बेहतर नौकरी के ऑफर देता है। इसलिए हमारे खिलाड़ी वहां चले जाते हैं। यूटी को खिलाड़ियों के लिए सीधे नौकरी देने का प्रावधान करना चाहिए।
-कैप्टन करनैल सिंह, डायरेक्टर, स्पोर्ट्स, चंडीगढ़।