नेताजी ने जोर लगाया चंडीगढ़ में, अब ताल ठोकेंगे दूसरी जगह
चंडीगढ़ की लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर होनी तय है।
डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ की लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर होनी तय है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव की घोषणा से महीने पहले ही चंडीगढ़ से टिकट पाने के लिए कद्दावर नेताओं ने जनता के बीच जाकर पसीना बहाना शुरू कर दिया था। यह दमखम तो सिर्फ चंडीगढ़ से टिकट पाने के लिए था। असली परीक्षा तो अगले हफ्ते तक बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद होगी। कांग्रेस की बात करें तो चंडीगढ़ से टिकट पाने के लिए पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी और पंजाब की पूर्व मुख्य संसदीय सचिव नवजोत कौर सिद्धू ने महीने पहले से ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। तीनों नेताओं ने शहर में लगातार जनसभाएं भी की हैं। पवन बंसल को टिकट मिलने के बाद मनीष तिवारी और नवजोत कौर ने चंडीगढ़ से चुनाव का मैदान ही छोड़ दिया। काफी अजीब स्थिति देखने को मिली
कांग्रेस और बीजेपी दोनों में ही नेताओं के लिए इस बार स्थिति काफी अजीब रही। चंडीगढ़ से टिकट की उम्मीदवारी जताने वाले मनीष तिवारी ने काफी समय तक शहर में खूब प्रचार किया। लेकिन टिकट पवन बंसल को मिल गई। अब मनीष तिवारी श्री आनंदपुर साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। उधर, बीजेपी में भी हालात कुछ ऐसे ही बन रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन को चंडीगढ़ से टिकट मिली, तो सांसद किरण खेर को बीजेपी पंजाब के किसी दूसरे संसदीय क्षेत्र से चुनाव के मैदान में उतार सकती है। इन नेताओं के लिए चुनाव दोहरी परीक्षा देने जैसा है। बीजेपी में टिकट का पेंच फंसा, चुनाव प्रचार अभी ठंडा
चंडीगढ़ से बीजेपी कैंडिडेट की टिकट का पेंच अभी फंसा हुआ है। किरण खेर को टिकट मिलने को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। 10 साल से प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन भी टिकट पाने के लिए लगातार आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं। टिकट पक्की न होता देख तीनों ही नेताओं की कैंपेनिग अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। संजय टंडन सेक्टरों में जाकर चाय पर चर्चा कर रहे हैं, तो किरण खेर कॉफी विद किरण और वर्करों के साथ चुनाव की रणनीति तैयार कर रही हैं। सत्यपाल जैन ने भी चुनाव प्रचार को लेकर अभी कोई खास तेजी नहीं दिखाई है। चंडीगढ़ से कैंडिडेट की घोषणा में होती देरी को लेकर बीजेपी में चौथे कैंडिडेट के भी कयास लगाए जा रहे हैं। उधर, बीजेपी नेताओं को दिल्ली में अचानक बुलाए जाने को लेकर भी टिकट के कयास लगाए जाने लगे हैं। कांग्रेस और आप का चुनाव प्रचार पकड़ने लगा रफ्तार
शहर में अभी चुनाव का बुखार हल्का है। अगले कुछ दिनों में बीजेपी कैंडिडेट तय होते ही शहर में चुनाव की हवा बदलेगी। उधर, कांग्रेस और आप प्रत्याशियों ने वोटरों को लुभाने के लिए चुनाव प्रचार की स्ट्रेटेजी बनानी करनी शुरू कर दी है। कांग्रेस प्रत्याशी पवन बंसल, उनकी पत्नी मधु बंसल, बेटे और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने वोटरों के घर हाजिरी लगानी शुरू कर दी है। बंसल खुद दिनभर में 4 से 5 कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। वोटरों से संपर्क करने के लिए कांग्रेस ने खास तौर से टीम तैयार कर ली है, जोकि शहर के वोटरों से लगातार फोन पर संपर्क कर रही है। दिन में दो सभाएं कर रहे हैं धवन
आप नेता हरमोहन धवन का कहना है कि उन्होंने शहर के अधिकतर एरिया को कवर कर लिया है, फिलहाल दिन में दो सभाएं कर रहे हैं। धवन की पत्नी और बेटे ने चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाली हुई है।