बिजली विभाग की लापरवाही, करंट लगने से युवक की मौत
विभाग की लापरवाही के कारण 20 साल के युवक की करंट लगने से मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम के बिजली विभाग की लापरवाही के कारण 20 साल के युवक की करंट लगने से मौत हो गई। युवक उस समय विभाजक सड़क पार कर रहा था। घटना सेक्टर-56 की है। स्वजनों ने डीडीआर दर्ज करवाई है। स्वजनों ने आरोप लगाया है कि मनदीप सिंह अपने परिवार के साथ सेक्टर-56 के 2703 में रहता था। जोकि मोहाली में आइटीआइ का छात्र था। पिता भूपेंद्र सिंह का कहना है कि मनदीप सिंह प्रतिदिन शाम को सैर करने के लिए घर से निकलता था। सोमवार शाम छह बजे वह घर से निकला था। घटना के समय दो और युवक भी उसके साथ थे। जोकि मनदीप सिंह के दोस्त हैं। तीन सड़क पर लगी ग्रिल से दूसरी तरफ सेक्टर-39 की तरफ जा रहे थे। वहां पर बिजली के पोल की तारें जमीन पर खुली हुई थी। पोल पर हाथ जाने से वह उसके साथ चिपक गया, जिसके बाद युवक झुलसकर सड़क पर गिर गया। उसे उपचार के लिए मोहाली के फेज-छह स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां से मनदीप को पीजीआइ में रेफर कर दिया। पीजीआइ में रविवार देर रात मनदीप सिंह की मौत हो गई। घटना पर पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर दर्शन गर्ग ने रोष जाहिर किया है। गर्ग का कहना है कि बिजली के पोल के बॉक्स कई दिनों से खुले हुए थे। कई बार रेजिडेंट्स इसकी शिकायत कर चुके हैं। यह मौत नगर निगम के बिजली विभाग की लापरवाही से हुई है। इस समय सेक्टर-56 ही नहीं, पूरे शहर में कई जगह बिजली के पोल की तारें निकली हुई हैं। वार्ड पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि बिजली विभाग समय रहते हुए कोई भी काम नहीं करता है। अगर नए काम इस समय वित्तीय संकट होने के कारण नहीं हो रहे, कम से कम रिपेयर के काम तो नगर निगम कर सकता है। मेयर तक पहुंचा मामला, अधिकारियों को लगाई फटकार
युवक की मौत का मामला जब मेयर राजबाला मलिक के पास पहुंचा तो उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को फटकार मारी। उन्होंने अधिकारियों को कार्यालयों को छोड़कर फील्ड में निकलने की सलाह दी। बिजली विभाग के एसई किशनपाल का कहना है कि सेक्टर-56 में जहां-जहां पर पोल की तारें बाहर निकली हुई थी, उन्हें बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मोहाली अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई, पीजीआइ में पॉजिटिव
युवक मनदीप सिंह को घटना के बाद जब मोहाली के छह फेज स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, तो कोरोना टेस्ट करवाया, जहां पर उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। लेकिन दो घंटे बाद पीजीआइ में जब रेफर किया गया, तो वहां पर फिर से टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी कारण सोमवार को शव संस्कार के लिए परिजनों को नहीं मिल सका। मनदीप सिंह के चार भाई-बहन हैं। जिसके पिता महेंद्र सिंह पंजाब सरकार के कर्मचारी हैं। पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर दर्शन गर्ग का कहना है कि मनदीप उनके बेटे का करीबी दोस्त था।