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माथा टेकने के बाद पैगोग झील घूमने गए पार्षदों में से तीन की तबीयत बिगड़ी Chandigarh News

टूर पर नगर निगम का करीब दस लाख रुपये का खर्चा आ रहा है जबकि गुरुद्वारे में माथा पार्षद बुधवार को ही टेक चुके हैं। अब पार्षद वहां पर आसपास टूरिस्ट स्पॉट का पर्यटन कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 10:36 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 03:44 PM (IST)
माथा टेकने के बाद पैगोग झील घूमने गए पार्षदों में से तीन की तबीयत बिगड़ी Chandigarh News
माथा टेकने के बाद पैगोग झील घूमने गए पार्षदों में से तीन की तबीयत बिगड़ी Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। सरकारी खर्चे से लेह-लद्दाख गए 24 पार्षद और दो अधिकारी सैर सपाटे के लिए ही गए हैं, हालांकि इसे धार्मिक टूर का नाम दिया गया है। लोगों का कहना है कि लेह में बने पत्थर साहिब गुरुद्वारे में माथा टेकने के लिए एक दिन काफी है, लेकिन इसके बावजूद पांच दिन का टूर बनाया गया है। वीरवार को सभी पार्षद लेह में पैगोग झील पर घूमने लिए गए।

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सूत्रों के अनुसार वहां तीन महिला पार्षदों की तबीयत बिगड़ गई। जिनमें पूर्व मेयर राजबाला मलिक, भाजपा पार्षद चंद्रवती शुक्ला और कांग्रेसी पार्षद शीला देवी का नाम शामिल है। उन्हें उपचार के लिए वहां मौजूद मिलिट्री अस्पताल ले जायास गया था। बताया जा रहा है कि भाजपा पार्षद चंद्रवती शुक्ला पहले दिन ही जब लेह पहुंची थी, तब से उनकी तबीयत खराब है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्षद सैर सपाटे पर हैं।

हर मुद्दे पर एक दूसरे की टांग खींचने वाले कांग्रेस और भाजपा के पार्षद भी इस टूर के मामले में एकजुट हो गए हैं। पार्षदों ने आपस में यह तय किया है कि कोई भी किसी भी पर्यटक स्थल में घूमने की तस्वीर सोशल मीडिया पर न डाले। यहां तक की टूर पर गए पार्षद चंडीगढ़ से फोन करने पर भी नहीं उठा रहे हैं। पार्षदों ने यह भी तय किया है कि जब तक सभी लेह-लद्दाख में है, तब तक किसी मीडिया कर्मी से भी बात न की जाए। इस टूर पर नगर निगम का करीब दस लाख रुपये का खर्चा आ रहा है, जबकि गुरुद्वारे में माथा पार्षद बुधवार को ही टेक चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि अब पार्षद वहां पर आसपास टूरिस्ट स्पॉट का पर्यटन कर रहे हैं।

मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर भी इस टूर गए हुए हैं। इस बार नगर निगम ने इस टूर की पहले मंजूरी प्रशासन से भी नहीं ली है। इससे पहले जब जब टूर गए हैं तो प्रशासन की मंजूरी ली गई है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार यह टूर गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में गया है, ऐसे में मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। आज तक किसी भी टूर का नहीं मिला फायदा पिछले सालों में जो भी टूर पार्षदों के गए हैं, उनमें से किसी का भी फायदा चंडीगढ़ को नहीं मिला है। जबकि हर टूर पर लाखों रुपये का खर्चा किया जाता है।

कितनी हैरानी की बात है कि एक तरफ नगर निगम कमिश्नर कह रहे हैं कि उनके पास शहर के काम करवाने के लिए फंड नहीं है और दूसरी और मेयर सहित पार्षद लेह-लद्दाख चले गए। उनका कहना है कि पांच दिन तक लेह-लद्दाख रहने का साफ मतलब है कि पार्षद सैर-सपाटा कर रहे हैं।

-बलजिंदर सिंह बिट्टू, अध्यक्ष, फॉसवेक।

वह टूर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस समय मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर भी शहर में नहीं हैं। कम से कम एक को जरूर होना चाहिए था। इससे पता चलता है कि भाजपा शहर को लेकर कितनी गंभीर है।

-सतीश कैंथ, पार्षद, कांग्रेस।

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