चंडीगढ़ में बेदम हो रहा एनसीसी, शहर के 116 स्कूलों में से कुल 10 में ही NCC, एक हजार कैडेट्स के लिए ट्रेनर भी पूरे नहीं
शहर के सरकारी स्कूलों में एनसीसी बेदम हो रही है। चंडीगढ़ के 116 सरकारी में से मात्र 10 स्कूलों में एनसीसी विंग है और उसमें मात्र 12 यूनिट हैं। 12 यूनिट में 1000 कैडेट एनरोल होकर आर्मी नेवी और एयर विंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। विद्यार्थियों को एकता और अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की देशभर के स्कूलों में 1917 में स्थापना की गई थी। चंडीगढ़ में एनसीसी को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है।
शहर के सरकारी स्कूलों में एनसीसी बेदम हो रही है। चंडीगढ़ के 116 सरकारी में से मात्र 10 स्कूलों में एनसीसी विंग है और उसमें मात्र 12 यूनिट हैं। 12 यूनिट में 1000 कैडेट एनरोल होकर आर्मी, नेवी और एयर विंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं। शिक्षा सचिव पूर्वा गर्ग ने बीते दिन हुए एक कार्यक्रम में प्रशासक बीएल पुरोहित के सामने घोषणा की थी कि स्कूलों में एनसीसी को मजबूत किया जाएगा।
50 हजार विद्यार्थियों में से एक हजार ने की एनसीसी ज्वाइन
स्कूलों में जूनियर और सीनियर विंग में स्टूडेंट्स एनसीसी ज्वाइन कर सकते हैं, लेकिन शहर के स्कूलों में सिर्फ जूनियर विंग ही है। सीनियर विंग के लिए स्कूलों में कोई प्रावधान नहीं है। इसका बड़ा कारण शिक्षकों और एसोसिएट एनसीसी आफिसर (एएनओ) की कमी है। जूनियर विंग नौवीं और दसवीं कक्षा के एक हजार विद्यार्थी हैं। 10 में से नौ स्कूल ऐसे हैं जहां पर एनसीसी की सिंगल विंग यूनिट है।
तीन स्कूलों में एनसीसी के टीचर नहीं
चंडीगढ़ के दस स्कूलों में एनसीसी की 12 यूनिट हैं। इनमें से तीन स्कूलों में ऐसे विंग हैं जहां शिक्षक (एएनओ) ही नहीं है। इनमें गवर्नमेंट माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-23, सेक्टर-37 और गवर्नमेट हाई स्कूल दड़वा रेगुलर एएनओ नहीं है। सेक्टर-23 स्कूल के नेवी विंग की एएनओ सप्ताह में पांच दिन दूसरे स्कूल जबकि एक दिन के इसी स्कूल में कैडेट्स को प्रशिक्षण देती हैं। वहीं सेक्टर-37बी स्कूल के एएनओ प्रदीप कुमार के पास तीन स्कूल हैं।
एनसीसी का भविष्य में स्टूडेंट् को मिलता है फायदा
एनसीसी ज्वाइन करने की आयु सीमा 13 से 26 वर्ष तक है। एनसीसी ट्रेनिंग छह साल के लिए तीन भागों में होती है। पहले दो वर्ष की ट्रेनिंग पर ए सर्टिफिकेट मिलता है। अगले दो वर्ष के लिए बी जबकि अंतिम तीन वर्ष की ट्रेनिंग पर सी सर्टिफिकेट मिलता है। एनसीसी सर्टिफिकेट से भारतीय सेना, पुलिस भर्ती के लिए अतिरिक्त नंबर जुड़ते हैं। विभिन्न राज्यों में राज्य स्तर की सिविल सर्विसेज एग्जाम में भी एनसीसी के सर्टिफिकेट के नंबर जुड़ते हैं। इसी प्रकार से कैडेट्स को एएनओ बनने के लिए फिजिकल फिट होना चाहिए। इसके लिए आयु सीमा 50 साल है। एनसीसी कैपिंग के समय एएनओ को अतिरिक्त मानदेय और विभिन्न सेवाओं में छूट मिलती है।