Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट में नए सुबूत से बढ़ीं नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें

सुप्रीम कोर्ट में नए सुबूत से नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रोड रेज मामले में सुबूत के तौर पर टीवी पर प्रसारित 2010 के इंटरव्यू की सीडी सौंपी गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 07 Apr 2018 10:42 AM (IST)Updated: Sat, 07 Apr 2018 05:06 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में नए सुबूत से बढ़ीं नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें
सुप्रीम कोर्ट में नए सुबूत से बढ़ीं नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें

जेएनएन, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे 1988 के रोड रेज के एक मामले में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पीडि़त परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में एक नई याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि साल 2010 में एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सिद्धू ने यह माना था कि उनसे गलती हुई है। गौरतलब है कि 1988 में पटियाला में गुरनाम सिंह नाम के व्यक्ति के साथ सिद्धू का झगड़ा हो गया था। परिवार का कहना है कि इस झगड़े में सिद्धू ने गुरनाम को मुक्का मारा, जिससे उनकी मौत हो गई।

loksabha election banner

परिवार ने सुबूत के तौर तक इंटरव्यू की सीडी और यू-ट्यूब लिंक दोनों सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिए हैं। यह इंटरव्यू गत रात्रि एक बार फिर से एक टीवी चैनल पर प्रसारित किया गया। इस बीच शिरोमणि अकाली दल ने मांग की है कि सिद्धू को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए, क्योंकि अब सिद्धू खुद ही यह मान चुके हैं कि उनकी गलती के कारण गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी।

एक ओर नवजोत सिंंह सिद्धू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई फिर से शुरू हो गई है। वहीं, अचानक टीवी चैनल पर फिर से पुराना इंटरव्यू प्रसारित होने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इससे पहले सिद्धू का अदालत के बाहर दिया हुआ यह इकबालिया बयान पहले सुबूत के तौर पर पेश नहीं किया गया है।

सिद्धू के वकील ने किया सुबूत का विरोध

सिद्धू के वकील आरएस चीमा ने इस सुबूत का विरोध करते हुए कहा है कि ऐसी अर्जी अब नहीं सुनी जा सकती, जबकि इस मामले का ट्रायल खत्म हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट में इस पर अपील विचाराधीन है। इसे ट्रायल कोर्ट या फिर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर किया जाना चाहिए था। इस पर जस्टिस जे चेलामेश्वर और जस्टिस संजय किशन कौल की खंडपीठ ने पूछा है कि क्या आप इस मामले को दोबारा ट्रायल कोर्ट को भिजवाना चाहते हैं? खंडपीठ ने इस मामले को फिलहाल सुनवाई के लिए मंगलवार तक स्थगित कर दिया है।

अब कोई शक नहीं रहा: शिअद

शिरोमणि अकाली दल ने के प्रवक्ता व पूर्व मंत्री महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि अब इसमें कोई संदेह नहीं रहा कि 1988 में सिद्धू के मुक्के से ही गुरनाम की मौत हुई थी। ग्रेवाल ने कहा कि इस इंटरव्यू में सिद्धू ने यह भी कहा कि वह कोई गौतम बुद्ध नहीं हैं कि किसी के गुस्सा दिलाने के बावजूद वह शांत रहेंगे। 

यह भी पढ़ेंः हाई कोर्ट में बोले डीजीपी चटोपाध्याय, जांच दबाने को मुझे फंसाना चाहते हैं दो डीजीपी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.