नवजाेत सिंह सिद्धू के इस्तीफे का असर, पंजाब में नियुक्त होगा नया डीजीपी, भावरा और सहोता में मुकाबला
Punjab New DGP पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को नवजोत सिंह सिद्धू की आपत्ति व इस्तीफे के बाद बड़ा कदम उठाया है। अब पंजाब में छुट्टी पर गए दिनकर गुप्ता की जगह नया डीजीपी नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Navjot Singh Sidhu Resigns: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के गाद चरएणजीत सिंह सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिद्धू ने दिनकर गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद इकबाल प्रीत सिंह सहोता को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त करने पर आपत्ति जताई थी। अब चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को अधिकारियों के नामों की सूची तो भेज दी है। इस सूची में सहोता का नाम भी है। इस पद के लिए बीके भावरा और इकबालप्रीत सिंह सहोता के बीच मुकाबला होने की संभावना है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले की जांच के लिए बनाई गई पहली एसआइटी के प्रमुख सहोता को कार्यकारी डीजीपी लगाने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू नाराज हो गए। उनको मनाने और स्थायी डीजीपी के लिए सरकार ने यूपीएससी को अधिकारियों के नाम भेजे हैं। उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
सिद्धू पंजाब के सबसे सीनियर आइपीएस अफसर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी लगवाना चाहते थे। सरकार ने उनका नाम भी भेजा है। 30 सितंबर की रात को नाम इसीलिए भेजे गए क्योंकि चट्टोपाध्याय आगामी 31 मार्च को रिटायर होंगे। यूपीएससी को 30 सितंबर तक न नाम न भेजे जाते तो वह इस दौड़ से बाहर हो जाते क्योंकि डीजीपी लगने के लिए छह माह का सेवाकाल बाकी रहना जरूरी है।
दिनकर गुप्ता छुट्टी पर, तकनीकी तौर पर खाली नहीं है डीजीपी का पद
अब सवाल यह उठता है कि क्या इस समय डीजीपी के पद को खाली माना जा सकता है क्योंकि मौजूदा डीजीपी दिनकर गुप्ता दो अक्टूबर तक कैजुअल लीव पर हैं। इसके बारे में अधिकारियों की अलग-अलग राय है। इसीलिए डीजीपी के लिए भेजे गए अधिकारियों वाली फाइल में यह विशेष तौर पर लिखा गया है कि दिनकर गुप्ता को डीजीपी लगे दो साल हो चुके हैं। इसलिए सरकार अब उन्हें रखे रहने के लिए बाध्य नहीं है।
उनके स्थान पर नए डीजीपी का चयन किया जाना है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि किसी भी डीजीपी को दो साल से पहले नहीं हटाया जा सकता। दिनकर गुप्ता तीन अक्टूबर को छुट्टी से लौट आएंगे। उनकी नियुक्ति किसी और पद पर की जाएगी। वैसे उन्होंने केंद्र में डेपुटेशन पर जाने की अनुमति भी मांगी हुई है और वह इसके लिए कोशिश कर रहे हैं।
यूपीएससी को इन अधिकारियों का नाम भेजा
इकबालप्रीत सिंह सहोता : मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी की पसंद हैं। 21 अगस्त 2022 को रिटायर होने वाले हैं। उनकी आजकल गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी अच्छी बनती है।
एस. चट्टोपाध्याय : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पसंद हैं। अगर कोई तकनीकी अड़चन नहीं आई तो सिद्धू दबाव बनाकर उन्हें लगवा सकते हैं, लेकिन क्या इसके लिए गृह मंत्री रंधावा तैयार होंगे, यह भी बड़ा सवाल है।
एमके तिवारी : चट्टोपाध्याय और दिनकर गुप्ता के बाद सबसे सीनियर अधिकारी हैं, लेकिन सेवाकाल में मात्र पांच महीने बचे हैं।
वीके भावरा : 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। निर्विवाद अफसर हैं और दिनकर गुप्ता के अवकाश के दौरान उन्हीं को डीजीपी का चार्ज मिलता रहा है।
प्रबोध कुमार : 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री बदलते ही केंद्र में डेपुटेशन पर जाने की अनुमति मांग ली थी।
रोहित चौधरी : 1988 बैच के अधिकारी हैं। इनके पास भी मात्र छह माह का सेवाकाल बचा है।
पराग जैन : 1989 बैच के ही आइपीएस अधिकारी हैं। इनकी रिटायरमेंट 2026 में है। इस समय केंद्र में डेपुटेशन पर हैं।
संजीव कालरा : यह भी 1989 बैच के अधिकारी हैं। इनकी रिटायरमेंट भी 2026 में है।
बीके उप्पल : यूपीएससी को भेजी गई सूची में इनका भी नाम है, लेकिन फिलहाल छुट्टी पर चले गए हैं।