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नवजोत सिद्धू पहला इम्तिहान ही हुआ 'कैंसिल', जानें पंजाब कांग्रेस ने जासूसी प्रकरण पर क्‍यों नहीं किया प्रदर्शन

Punjab Congress पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का पहला इम्तिहान की कैंसिल हो गया। पंजाब कांग्रेस ने पार्टी हाईकमान के आदेश के बावजूद जासूसी प्रकरण को लेकर चंडीगढ़ में प्रदर्शन नहीं किया। अब कांग्रेस नेता इसके कारण गिना रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 10:52 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 07:44 AM (IST)
नवजोत सिद्धू पहला इम्तिहान ही हुआ 'कैंसिल',  जानें पंजाब कांग्रेस ने जासूसी प्रकरण पर क्‍यों नहीं किया प्रदर्शन
पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। Navjot Singh Sidhu : पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्‍त अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का पहला इम्तिहान की ऐन समय पर रद हो गया। वीरवार को जासूसी प्रकरण को लेकर देश भर में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। चंडीगढ़ में ही हरियाणा कांग्रेस द्वारा भी प्रदर्शन किया गया, लेकिन पंजाब कांग्रेस ने कोई प्रदर्शन नहीं किया। इस तरह नवजाेत सिद्धू अपनी पहली परीक्षा से बच गए। अब कांग्रेस नेता इसके लिए कारण गिना रहे हैं।

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जासूसी प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आल इंडिया कांग्रेस की ओर से सभी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को प्रदर्शन करके राज्यपाल को मांग पत्र सौंपने का कार्यक्रम पंजाब में नहीं हो पाया। नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश प्रधान की घोषणा के बाद हाईकमान की ओर से दिया गया यह पहला कार्यक्रम था। देश के शेष राज्यों में तो कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया लेकिन पंजाब में प्रदर्शन नहीं हुआ। कांग्रेस नेता इसके लिए सिद्धू के आधिकारिक रूप से पार्टी का कार्यभार न संभाल पाने को बड़ा कारण बता रहे हैं।

पंजाब कांग्रेस ने हईकमान के आदेश पर नहीं किया जासूसी प्रकरण का विरोध

कांग्रेस नेतृत्‍व की ओर से जो आदेश दिए गए थे उसके तहत प्रदेश कांग्रेस को राज्यपाल को मांग पत्र सौंप कर जासूसी प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट से करवाने के लिए दबाव बनाना था। कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि अभी नए प्रधान ने अपना कार्यभार नहीं संभाला है। वह शुक्रवार को अपना कार्यभार संभालेंगे। पूरी कांग्रेस का ध्यान अभी इसी तरफ लगा हुआ है।

वहीं, सभी दलों की नजर पंजाब कांग्रेस पर लगी हुई थी। बुधवार सिद्धू ने करीब 62 विधायकों के साथ अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका था और 23 जुलाई को सिद्धू ने आधिकारिक रूप से अपना कार्यभार संभालना है। ऐसे में क्या कांग्रेस 22 जुलाई को प्रदर्शन के एआइसीसी के आदेश का क्‍या आगे पालन करेगी इस सवाल पर कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि राज्यपाल को मांग पत्र आने वाले दिनों में भी दिया जा सकता है।

खेमकरण पहुंचे सिद्धू, किसानों ने किया विरोध

तरनतारन। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू वीरवार को पहली बार खेमकरण विधानसभा हलके में पहुंचे। वहीं किसानों ने कस्बा भिखीविंड में धरना देकर सिद्धू का विरोध किया। सिद्धू धरनाकारी किसानों से बचने के लिए रास्ता बदलकर गांव महमूदपुरा पहुंचे। वहां उन्‍होंने विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर, उनके पिता पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर और बड़े भाई अनूप सिंह भुल्लर के साथ उनके आवास पर करीब 20 मिनट तक बैठक की।

इसके बाद वह पंडाल में पहुंचे लेकिन अगली बार आने का वादा कर कार्यक्रम को संबोधित नहीं किया। जबकि पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर ने नवजोत सिंह सिद्धू को भविष्य का मुख्यमंत्री बताया। सुखपाल भुल्लर ने कहा कि सिद्धू के कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही वर्करों का जोश बढ़ गया है।


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