तो पुलवामा हमले के बाद भी पाक को दोषी नहीं मानते सिद्धू, कहा- किसी की गलती राष्ट्र का दोष नहीं
नवजोत सिंह सिद्धू ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान को इसके लिए दोषी नहीं माना। उन्होंने कहा, किसी व्यक्ति की गलती से राष्ट्र दोषी नहीं हाेता।
चंडीगढ़, [कैलाशनाथ]। पुलवामा में अात्मघाती आतंकी हमले में 44 जवानों के शहीद होने के बाद पंजाब सहित पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। पंजाब विधानसभा में आज की कार्यवाही स्थगित हो गई। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से अब कोई बात नहीं होनी चाहिए अौर उसके खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए। दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रति अपने रुख को लेकर निशाने पर रहे पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू ने हमले की निंदा की और इसके लिए दोषी लोगों को सजा दिए जाने की मांग की। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को एक तरह से क्लीनचिट दे दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की करतूत के लिए किसी राष्ट्र को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। इसका हल शांति ही है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान को लेकर सिद्धू के रुख के कारण पुलवामा के आत्मघाती आतंकी हमले के कारण वह सोशल मीडिया पर निशाने पर आ गए हैं। लगभग हर ग्रुप और फेसबुक पर नवजोत के पाकिस्तान दौरे के दौरान और बाद में भारत आकर पाकिस्तान को शांति की पहल करने वाला देश बताने वाली स्टेटमेंट्स पर लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
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नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्रकारों द्वारा पुलवामा के अातंकी हमले के बारे में पूरे जाने पर कहा कि वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इस तरह का काम करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। पत्रकारों द्वारा इस हमले में पाकिस्तान के हाथ होने की बात कहने और इस पर उनकी प्रतिक्रिया पूछने पर सिद्धू ने कहा, कुछ लोगों के काम के लिए किसी राष्ट्र को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
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पत्रकारों ने जब सिद्दू से पूछा कि इस घटना के बाद करतारपुर कॉरिडोर और शांति वार्ता पर असर नहीं पड़ेगा तो के जवाब में उन्होंने उल्टा सवाल किया कि क्या कुछ लोगों के काम को राष्ट्र या व्यकि विशेष को जिम्मेदार ठहरा सकते है? उन्होंने कहा कि 71 साल से ये ही होता आ रहा है। आतंक से कुछ नहीं मिलने वाला। अभी तक इस समस्या का हल नहीं निकला है शांति ही इसका हल है। सिद्धू ने कहा कि इस तरह की घटना से शांति को लेकर होने वाली बातचीत का क्रम कई साल पीछे चला जाता है।
सिद्धू ने कहा कि जो घटना हुई है, वह कायरतापूर्ण है। वह इसकी निंदा करते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता। आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता, उनकी कोई जाति नहीं होती। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान को लेकर अपने रुख के कारण निशाने पर रहे हैं। वह राष्ट्रपति इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में गए थे ओर वहां वह पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था। इसके बाद पंजाब की राजनीति में तूफान मच गया।
स्थायी समाधान की जरूरत, केवल गालियां देना मदद नहीं करेगा
उधर, समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में सिद्धू ने कहा कि पुलवामा में हुआ हमला बेहद निंदनीय है। यह कायरतापूर्ण कृत्य है। पूरे मामले के बातचीत के माध्यम से स्थायी समाधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, कब तक जवान अपने जीवन का बलिदान करेंगे और कब तक यह रक्तपात जारी रहेगा। ऐसा करने वाले लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। केवल गालियां देना मदद नहीं करेगा।
सिद्धू ने कहा कि इस रक्तपात का करतारपुर मामले से क्या लेना-देना है? करतारपुर मामला लोगों और दिलों को जोड़ता है। जब कोई व्यक्ति भक्ति से बाहर हो जाता है, तो वह एक अलग व्यक्ति बन जाता है। मुझे लगता है कि हमें इस पर विचार करना चाहिए, समस्या का मूल कारण ढूंढना चाहिए और इसे उखाड़ फेंकना चाहिए।