Move to Jagran APP

सीएम के बेटे की शादी में नहीं पहुंचे सिद्धू, माता वैष्णो देवी के दरबार पहुंच बिजली के मुद्दे पर चन्नी सरकार को घेरा

पंजाब कांगेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच की दूरी साफ दिख रही है। सिद्धू चन्नी के बेटे की शादी में नहीं पहुंचे। सिद्धू माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए पहुंचे और बिजली के मुद्दे पर सरकार को घेरा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 05:25 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 06:20 AM (IST)
सीएम के बेटे की शादी में नहीं पहुंचे सिद्धू, माता वैष्णो देवी के दरबार पहुंच बिजली के मुद्दे पर चन्नी सरकार को घेरा
माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए पहुंचे सिद्धू। फोटो ट्विटर अकाउंट से

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब में थर्मल प्लांटों में कोयला संकट के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर निजी थर्मल प्लांटों का मुद्दा उठाया है। सिद्धू ने यह मुद्दा उस समय उठाया जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी रविवार को अपने बेटे नवदीप के विवाह के कार्यक्रम में व्यस्त थे। सिद्धू नव दंपती को आशीर्वाद देने विवाह में तो नहीं पहुंचे लेकिन पंजाब में गहरा रहे बिजली संकट को लेकर ट्वीट किया। सिद्धू ने कहा कि निजी थर्मल प्लांटों को 30 दिन का कोयला स्टाक न करने के लिए दंडित किया जाना चाहिए। उनके ट्वीट मुख्यमंत्री चन्नी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि ऊर्जा (बिजली) विभाग चन्नी के पास ही है।

loksabha election banner

सिद्धू रविवार को लखनऊ से सीधा माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रवाना हुए और कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला व विधायक राजकुमार चब्बेवाल भी उनके साथ थे। क्योंकि मुख्यमंत्री के बेटे का विवाह था, इसलिए सबकी नजरें सिद्धू पर लगी हुई थीं कि वह विवाह के कार्यक्रम में पहुंचेंगे या नहीं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धू ने जिस तरह प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और लखीमपुर खीरी की यात्रा शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री के बारे में अपशब्द कहे, उससे यह आशंका जताई जा रही थी कि वह विवाह कार्यक्रम में नहीं आएंगे।

हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत भी विवाह में शामिल हुए, इसलिए यह अनुमान भी लगाया जा रहा था कि सिद्धू आ भी सकते हैं। परंतु सिद्धू सीधे माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जम्मू चले गए। सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब को पछताने और मरम्मत करने के बजाय रोकथाम और तैयारी करनी चाहिए, निजी थर्मल प्लांटों को 30 दिनों के लिए कोयला स्टाक नहीं रखने पर दंडित किया जाना चाहिए। यह समय ग्रिड से जुड़े सोलर पीपीए और रूफटाप सोलर पर आक्रामक तरीके से काम करने का है। निजी थर्मल प्लांटों के साथ हुए समझौते रद करना कांग्रेस के प्रमुख एजेंडे में शामिल है।

बेअदबी और ड्रग्स के बाद निजी थर्मल प्लांटों के साथ हुए समझौते ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के तख्तापलट में अहम रहे थे। सिद्धू बेअदबी, ड्रग्स के अलावा बिजली खरीद समझौतों को लेकर हमेशा ही पूर्व मुख्यमंत्री को घेरते आए थे। तख्तापलट के बाद चन्नी सरकार बने अब करीब 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक इस दिशा में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ाया है। अब कोयले की कमी से गहरा रहे बिजली संकट को देखते हुए सिद्धू ने चन्नी पर हमला किया है।

काबिलेगौर है कि सात अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जाने से पहले कांग्रेस के मार्च में पहुंचने में मुख्यमंत्री चन्नी देरी से पहुंचे थे और तब तक सिद्धू ने यात्रा शुरू कर दी है। जिस कारण चन्नी को दौड़ लगाकर सिद्धू तक पहुंचना पड़ा। वहीं इसी दिन का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सिद्धू मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलते हुए सुनाई दिए। वह कहते हुए दिखाई दिए कि यही हाल रहा तो 2022 के चुनाव में कांग्रेस की लुटिया डुबाएगा। भगवंत सिंह सिद्धू के बेटे (सिद्धू) को सीएम बनाते तो फिर दिखाता सक्सेस।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.