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बादल परिवार पर बरसे सिद्धू, कहा- विरोध तेज हुआ तो आई टकसाली नेताओं की याद

सिद्धू ने सुखबीर बादल और पार्टी के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल से पूछा, जब टकसाली नेता केंद्र में मंत्री बनने के लिए सबसे योग्य थे, तब इनको किनारे क्यों कर दिया?

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 08:41 AM (IST)
बादल परिवार पर बरसे सिद्धू, कहा- विरोध तेज हुआ तो आई टकसाली नेताओं की याद
बादल परिवार पर बरसे सिद्धू, कहा- विरोध तेज हुआ तो आई टकसाली नेताओं की याद

जेएनएन, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर बादल की ओर से टकसाली (संस्थापक सदस्य) नेताओं को सक्रिय करने के लिए बनाई गई सात सदस्यों वाली कमेटी पर कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सवाल खड़े किए हैं। चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत में सिद्धू ने सुखबीर बादल और पार्टी के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल से पूछा, 'अब जब लोग अकालियों का गांव में घुसने पर स्वागत करने के लिए हाथ में गोबर लेकर खड़े हैं तो आपको टकसाली नेताओं की याद आ गई। जब यही टकसाली नेता केंद्र में मंत्री बनने के लिए सबसे योग्य थे, तब इनको किनारे क्यों कर दिया?'

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नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'अगर हिम्मत है तो खुद क्यों नहीं लोगों के विरोध का सामना करते? क्यों आम वर्करों को लोगों के गुस्से का निशाना बनाते हो। आप जैसे बुजदिल लोग तो लीडर कहलवाने लायक ही नहीं हैं।' उन्होंने सुखबीर से पूछा, 'आज कहां है बिक्रम मजीठिया और आप खुद। आज क्यों सुखदेव सिंह ढींडसा, तोता सिंह और बलविंदर भूंदड़ जैसे नेताओं की याद आ गई?'

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जब केंद्र में 5 सांसदों के पीछे एक कैबिनेट मंत्री बनाने की बारी आई, तो प्रकाश सिंह बादल ने ढींडसा, भूंदड़ और ब्रह्मपुरा जैसे नेताओं को किनारे करके अपनी पुत्रवधू को आगे कर दिया। आज जब श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं को लेकर जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट में इन पर अंगुलियां उठी हैं और लोगों में गुस्सा भर गया है, तो सुखबीर बादल ने टकसाली नेताओं को आगे कर दिया है।

सिद्धू ने टकसाली नेताओं की भी प्रशंसा की जिन्होंने खुलकर कहा कि अकालियों को विधानसभा से भागना नहीं चाहिए था और सदन में रहकर बहस में भाग लेना चाहिए था। सिद्धू ने सुखबीर बादल की सोच की तुलना कंडक्टर से की, जिसे सिर्फ पैसे लेकर टिकटें बेचना आता है। सिद्धू ने कहा कि डेरा प्रेमियों के वोट लेने के लिए सुखबीर मुंबई में जाकर डेरा प्रमुख से 100 करोड़ रुपये की डील करते हैं और सिख पंथ को बताते भी नहीं है कि वह पैसा कहां गया?

सिद्धू ने सुखबीर को दी बहस की चुनौती

नवजोत सिंह सिद्धू ने सुखबीर बादल को एक बार फिर से खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि पहले सुखबीर विधानसभा में बहस से भाग गए अब लोगों में खुद न जाकर टकसालियों को आगे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट सही नहीं है, तो इन्होंने जिस जस्टिस जोरा सिंह से जांच करवाई थी, उसकी रिपोर्ट क्यों डेढ़ साल तक धूल फांकती रही। सिद्धू बोले कि आज ये मांग कर रहे हैं कि बेअदबी कांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जाए, क्या अकालियों के पास पर्याप्त समय नहीं था, तब इन्होंने क्यों नहीं किसी सिटिंग जज की सेवाएं लीं।

प्रोसीजर में समय लगता है...

आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फूलका की ओर  से प्रकाश सिंह बादल और सुमेध सैणी को गिरफ्तार करने संबंधी 15 दिन के दिए समय के बारे में सिद्धू ने कहा कि हर काम को समय लगता है।

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