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नवजोत सिंह सिद्धू व भगवंत मान की मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज, गुरु ने सीएम की जमकर की तारीफ

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू सीएम भगवंत मान से मिलने सचिवालय पहुंचे। सिद्धू ने मान से लगभग 50 मिनट तक मुलाकात की। इसके बाद बाहर आए नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम भगवंत मान की तारीफ की।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 09 May 2022 05:12 PM (IST)Updated: Mon, 09 May 2022 07:10 PM (IST)
नवजोत सिंह सिद्धू व भगवंत मान की मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज, गुरु ने सीएम की जमकर की तारीफ
सीएम भगवंत मान से मिलने पहुंचे पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू। फोटो- डीपीआर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने सचिवालय पहुंचे। सीएम व सिद्धू के बीच लगभग 50 मिनट तक बातचीत हुई। सीएम से मुलाकात के बाद बाहर आए नवजोत सिंह सिद्धू ने भगवंत मान की तारीफ की। कहा कि वह जैसे पहले थे, आज भी वैसे ही हैं। मान में कोई अहंकार नहीं आया है। 

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सिद्धू ने कहा कि उनके कुछ मुद्दे हैं, जिन पर उन्होंने सीएम भगवंत मान से चर्चा की। सिद्धू ने राज्य की अर्थव्यवस्था, रेत माफिया को इस मुलाकात का मुख्य कारण बताया। बहरहाल, सिद्धू ने जिस तरीके से भगवंत मान की तारीफों के पुल बांधे उससे सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। 

आमतौर पर सीएम किसी विरोधी नेता से मुलाकात करते हैं तो बैठक इतनी देर तक नहीं चलती है। सिद्धू व मान के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई। बातचीत के बाद जब नवजोत सिंह सिद्धू बाहर आए तो वह कम आक्रामक दिए। सिद्धू के चेहरे पर चमक दिख रही थी।

सिद्धू ने कहा, वह मुख्यमंत्री के लिए कोई गुलदस्ता नहीं लाए थे। मुख्यमंत्री में कोई अहंकार नहीं है। मुझे लगता है उनके स्वभाव में पहले भी ज्यादा नरमी आई है। सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री से पंजाब को आर्थिक बदहाली से निकालने के मुद्दे पर चर्चा हुई, क्योंकि पंजाब का उत्थान वित्तीय स्रोत को बढ़ाने से ही होगा।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह मुद्दों की राजनीति करते हैं। इन मुद्दों को हल जो भी करेगा वह उनके साथ हैं। सिद्धू इससे पहले भी भगवंत मान की तारीफ कर चुके हैं। सिद्धू ने भगवंत मान को इमानदार आदमी बताया था। आज उन्होंने कहा कि मान 10-12 वर्ष पहले जैसे थे आज भी वैसे ही जमीन से जुड़े हुए हैं।

बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू के इन दिनों पार्टी में अच्छे दिन नहीं चल रहे। पंजाब विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश प्रधान का पद छोड़ना पड़ा। सिद्धू जब पार्टी की सरकार थी, तब भी सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी करते रहे हैं। अब चुनाव हारने के बाद भी वह पार्टी नेताओं के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं।

अब अचानक सिद्धू द्वारा भगवंत मान की तारीफ किए जाने के बाद सियासी अटकलों को बल मिला है। कुछ राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस में अपना सियासी करियर न देख सिद्धू कुछ बड़ा फैसला ले सकते हैं। वैसे भी सिद्धू पार्टी से इतर अपनी अलग एजेंडे की राजनीति करते हैं। 

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

सिद्धू ने मान को कहा कि दिल्ली के एक्साइज माडल से पंजाब का भला नहीं होने वाला है। वह एल-वन (थोक विक्रेता) के लाइसेंस लेने वालों को नाम उजागर करें, पता चल जाएगा कि यह लाइसेंस किन राजनेताओं के पास हैं या थे। साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध रेत का कारोबार तब तक नहीं रुक सकता जब तक रेत की कीमत न तय हो।

यह दिए सुझाव

  • पंजाब से ठेकेदारी सिस्टम को खत्म करना चाहिए, क्योंकि ठेकेदारी सिस्टम को राजनीतिक लोग कंट्रोल करते हैं। ठेकेदारी सिस्टम खत्म तो राजनेताओं के साथ गठजोड़ खत्म।
  • रेत माफिया तब तक खत्म नहीं हो सकता जब तक रेत की कीमत तय न हो, क्योंकि रेत माफिया नहीं बल्कि ट्रांसपोर्ट माफिया है। रेत की कीमत तय कर दी जाए तो माफिया खत्म हो जाएगा। इससे सरकार को राजस्व भी आएगा।
  • दिल्ली की एक्साइज पालिसी जिसमें दीप मल्होत्रा को ठेके दिए गए हैं, उससे पंजाब का भला नहीं होगा। सरकार एल-वन (थोक विक्रेता) के लाइसेंस धारकों के नाम उजागर करे। 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व यहीं से प्राप्त होगा।

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