'गुरु' सिद्धू ने फिर दिया विवादित बयान, अब कह दी ऐसी बात, कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा
पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने शांति अपील की है लेकिन अंदाज इमरान खान का बचाव करनेवाला है। इसमें पाक प्रायोजित आतंकवाद की चर्चा नहीें है।
चंडीगढ़, जेएनएन। भारत पाक के बीच बढ़े हुए तनाव के बीच पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार अपने बयान से विवाद खड़ा कर लिया है। मौका मिलते ही 'गुरु' सिद्धू एक बार फिर अपने 'दिलदार यार' इमरान खान के अंदाज शुरू हो गए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने की घोषणा के बाद सिद्धू ने पहले उनकी (इमरान) तारीफ में ट्वीट किया। इसके बाद उन्होंने दो पेजों की शांति अपील जारी की, लेकिन इसमें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की चर्चा तक नहीं की है। दूसरी आेर, कांग्रेस ने सिद्धू के बयान से पल्ला झाड़ लिया है।
सिद्धू ने एक बार फिर अपने 'दिलदार यार' इमरान खान के कसीदे गढ़े, बातचीत की वकालत की
इसके साथ ही सिद्धू ने एक बार फिर विवादित बयान से कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। इसके साथ ही वह फिर पाकिस्तान से बातचीत की फिर वकालत नजर आ। उन्होंने भारतीय पायलट अभिनंदन की रिहाई के लिए इमरान खान का धन्यवाद भी किया और ट्वीट कर उनकी जमकर तारीफ की। दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने उनके बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे उनकी निजी राय बताया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में पार्टी पाक से बातचीत के पक्ष में नहीं है।
सिद्धू ने अपनी शांति अपील में नहीं की पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की चर्चा
सिद्धू ने कहा है कि मैं उन नेताओं के खिलाफ खड़ा हूं जो मतभेदों का गला घोंटने पर तुले हैं। बहस को शांत कराने के लिए साइबर सेना और गुंडों की बैसाखी के सहारे राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने ऐसा तब कहा है जब पूरा देश इस समय पाकिस्तान व उसके द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। सिद्धू ने दो पेजों की अपील जारी कर डर के खिलाफ खड़े होने की वकालत की है, लेकिन गौरी लंकेश, रोहित वेमुला, गोविंद पंसारे, एमएम कलबुर्गी, एएसआइ रविंद्र सिंह और नजीब जैसे लोगों की उदाहरण देकर नई राह पकड़ ली है। इससे नया विवाद शुरू होने की संभावना है। ऐसे में सिद्धू एक बार फिर निशाने पर आ सकते हैं।
गौरी लंकेश, रोहित वेमुला आदि की चर्चा कर पैदा किया नया विवाद
नवजोत सिद्धू ने अपनी पूरी अपील में एक बार भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर कोई बात नहीं की। इससे पहले भी जब पुलवामा में हमला हुआ था तो उन्होंने विवादित बयान देकर हंगामा करवा दिया था। उस समय सिद्धू ने कहा था कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता और कुछ लोगों की करतूत के लिए किसी देश को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। इसके विपरीत यह खुली सच्चाई है कि पाकिस्तान की सेना वहां आतंकियों को पूरी शह ही नहीं देती, बल्कि उन्हें हथियार, ट्रेनिंग आदि भी मुहैया करवाती है।
सिद्धू के विरोधियों और राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इमरान खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद से सिद्धू का बयान पाकिस्तान और उनका (इमरान) का बचाव करने वाले होते हैं। कमाल की बात यह है कि आज अपील में जिस तरह की भाषा सिद्धू ने इस्तेमाल की है करीब-करीब वैसी ही इमरान खान अपनी स्पीच में इन दिनों दे रहे हैं।
अपनी अपील में उन्होंने कहा कि सच्चा देशभक्त वही है जो डर के खिलाफ खड़ा होता है। मैं उस डर के खिलाफ खड़ा हूं जिसने आज कई लोगों को शांत कर रखा है। मैं उन नेताओं के खिलाफ खड़ा हूं जो मतभेदों का गला घोंटने पर तुले हैं और बहस को शांत कराने के लिए साइबर सेना और गुंडों की बैसाखी के सहारे राजनीति कर रहे हैं।
सिद्धू ने कहा कि आज सीमा के दोनों तरफ रणनीतिकार एक दूसरे को आघात पहुंचानें की तैयारी में हैं। उन्हें लगता है कि एक दूसरे को हानि पहुंचाकर वे खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। लेकिन यह मृगतृष्णा जैसा है।
डर और साहस के बहाने पाकिस्तान का फिर बचाव करते नजर आए सिद्धू
सिद्धू ने आगे लिखा है कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच एक अनचाहा डर पैर जमा रहा है। यह डर है आतंक का, मौत का, असुरक्षा का, एक अनचाहे असुरक्षा के भाव का। देश में कुछ लोगों के लिए अब डरने की कोई वजह नहीं बची है क्योंकि उनका डर अब हकीकत का रूप ले चुका है। शहीदों के परीवारों के चेहरों पर भी मैंने उस डर को देखा और महसूस किया है। दूसरों को हानि पहुंचाने की बात सोचना आसान है, लेकिन यह सोच हमें सुरक्षित नहीं कर सकती है।
कहा- मेरी देशभक्ति मेरा साहस है
अपनी अपील में सिद्धू ने स्वयं को स्वतंत्रता सेनानी का बेटा बताते हुए कहा है कि वह अपने देश के साथ खड़े हैं। उन्होंने अपील में कहा है, 'मेरी देशभक्ति की पहचान मेरा साहस है, जो इस डर के खिलाफ सीना ताने खड़ा है। यह वो डर जिसकी वजह से आज कई लोग चुप्पी साधे हैं।'
सिद्धू ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद जो बयान दिया था आज अपनी अपील में उसे फिर से दोहराते हुए कहा,मैं अपने सिद्दांतों पर पूर्णत: कायम हूं कि कुछ लोगों के गलत कार्यों की वजह से पूरे समुदाय को गलत ठहरा देना ठीक नहीं है। हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री जी ने भी कहा है हमारी लड़ाई आतंकवाद और मानवता के दुश्मनों के खिलाफ है। हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है न की कश्मीरियों के खिलाफ। विदेश मंत्री का भी कहना था कि हमारी लड़ाई पाकिस्तान के खिलाफ नहीं है हमारी लड़ाई आतंकवाद और उन्हें बढ़ावा देने वाली सोच से है।
उन्होंने कहा कि मैं अपने विश्वास पर कायम हूं कि हम कूटनीतिक दबाव द्वारा सीमा के भीतर या उस पार के आतंकी संगठनों की मौजूदगी और उनके अभ्यास को जड़ से खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत मां का कोई भी बेटा अपनों से बिछड़ना नहीं चाहिए जैसा की अभिनंदन के साथ हुआ है।
सिद्धू कहते हैं, इसका एक विकल्प है और वो विकल्प है साहस। अब हमें चयन करना है कि हम सच्चे देशभक्त बनें या चुप्पी साधे रहें? इसी क्रम में उन्होंने गौरी लंकेश, रोहित वेमुला, गोविंद पंसारे, एमएम कलबुर्गी, एएसआइ रविंद्र सिंह और नजीब जैसे लोगों की उदाहरण दिया है। वह कहते हैं, पिछले कुछ वर्षों से एक अनचाहा डर हमारे बीच पैर जमा रहा है। लेकिन आप एक बार साहस कर के देखिए, यह आपके आस पास के लोगों में भी फैलेगा। क्योंकि साहस संक्रमण की तरह होता है और तीव्र गति से फैलता है।
पहले ट्वीट कर इमरान खान के कसीदे पढ़े थे
हससे पहले इमरान खान द्वारा पाकिस्तानी सेना द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने की घोषणा के बाद सिद्धू ने ट्वीट कर उनके कसीदे पढ़े थे। सिद्धू ने ट्वीट कर विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई की घोषणा पर खुशी जताई। सिद्धू ने इमरान खान की ताऱीफ करते हुए ट्वीट में लिखा है, प्रत्येक नेक कार्य एक नया रास्ता बनाता है। आपका सद्भाव एक अरब लोगों के लिए 'खुशी का प्याला' है और एक राष्ट्र के लिए आनंद का कारण है।