सिद्धू फिर आए सामने, कैप्टन अमरिंदर के 'नॉन परफार्मर' मंत्री ने दी परफार्मेंस डिटेल
पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू एक बार फिर सामने आए हैं। उन्होंने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा नॉन परफार्मर मंत्री कहे जाने के जवाब में अपना परफार्मेंस डिटेल दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। अपने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आमने-सामने हुए कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर सामने आए। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा नॉन परफार्मर मिनिस्टर कहे जाने का जवाब दिया है। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने विभाग की परफार्मेंस की डिटेल पेश की है। इससे पहले भी सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपने विभाग की कारगुजारी का ब्योरा पेश किया था।
नवजोत सिंह सिद्धू पर शहरी क्षेत्र में विकास में फिसड्डी रहने के आरोप लग रहे हैं। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं का कहना है कि शहरी क्षेत्र में विकास नहीं होने के कारण लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हुआ था। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री समेत छह कैबिनेट मंत्रियों ने सिद्धू पर निशाना साधा था। कैप्टन ने कहा था कि सिद्धू नाॅन परफार्मर मंत्री हैं और उनके ठीक से कार्य नहीं करने से बठिंडा और गुरदासपुर के शहरी इलाकों में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने सिद्धू का विभाग बदलने की भी बात कही थी।
अब सिद्धू एक बार फिर सामने आए हैं। सिद्धू ने एक बयान जारी कर अपने स्थानीय निकाय विभाग में किए गए प्रशासनिक सुधारों की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ई-नक्शा पोर्टल पर अब तक 4000 के करीब बिल्डिंगों के नक्शे पास हो चुके हैं, जबकि 8,800 से अधिक फाइलें सफलतापूर्वक दाखिल हो चुकी हैं। पोर्टल पर 1600 के करीब आर्कीटेक्ट और इंजीनियर रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
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उन्होंने कहा है कि ऑनलाइन सिस्टम के लागू होने से उनके विभाग के टाउन प्लानिंग विंग के स्टाफ को भी राहत मिली है। अब स्टाफ पर किसी सिफारिशी केस को मंज़ूर करने का दबाव नहीं रहा। पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की दिशा में ऑनलाइन सेवाएं सबसे कारगर विधि है और इस सिस्टम की सफलता के बाद इसको राज्य के अन्य विभाग भी अपनाने जा रहे हैं। उनके विभाग में तीन फीसद से ज्यादा फाइलें पेंडिंग नहीं हैैं।
सिद्धू ने निकाय विभाग में सिर्फ प्रशासनिक सुधारों का हवाला दिया है। उनके विभाग ने विकास के किन प्रोजेक्टों पर काम किया और कौन-कौन से प्रोजेक्ट पूरे किए, इसकी जानकारी नहीं दी है।
मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई बैठक में नहीं हुए थे शामिल
उल्लेखनीय है कि सिद्धू 30 मई को मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल व सांसदों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। बैठक से कुछ घंटे पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत भी की थी। बैठक में शामिल न होने को लेकर वह एक बार फिर पार्टी के निशाने पर आ गए थे।
ऐसे चला कैप्टन अमरिेंदर और सिद्धू का विवाद
मीडिया से बातचीत और सोशल मीडिया पर अपने ट्वीट व पोस्ट से सिद्धू ने बगावती तेवर दिखाए थे। इस दौरान वह सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हुए थे। बागी तेवर दिखाने के बाद सिद्धू पिछले पांच-छह दिनों से शांत थे। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब से दूर रहने के बाद वह प्रचार खत्म होने के एक दिन पहले सक्रिय हुए।
इस दौरान उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर खुलेआम हमला कर हंगामा मचा दिया। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर को एक तरह से सीधे चुनौती दे डाली और बिना उनका नाम लिए बादलों (पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल) से कैप्टन की मिलीभगत का आरोप लगा दिया। उन्होंने नशा और बेअदबी के मुद्दे पर भी कैप्टन को घेरा। इसके जवाब में मतदान के दिन 19 मई को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर सीधा निशाना साधा। कैप्टन ने सिद्धू को अति महात्वाकांक्षी करार दिया। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि सिद्धू मुझे हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
इसके बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर निशाना साधा और उनको नाॅन परफार्मर मंत्री करार दे उनका विभाग बदलने की बात कही। उन्होंने इस बारे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से बात करने की बात भी कही। इसके बाद सिद्धू भी साेशल मीडिया के माध्यम से अपने तेवर दिखाते रहे।
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