नवजोत सिद्धू हुए हिट विकेट, राहुल गांधी से मुलाकात में मिला टका सा जवाब
क्रिकेट के बाद राजनीति की पिच पर अपना जौहर दिखाने में जुटे नवजोत सिंह सिद्धू को हिट विकेट हो गए। सरकार में अपनी उपेक्षा की शिकायत करने गए सिद्धू को राुहुल गांधी से निराशा मिली।
जेएनएन, चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू गए थे अंपायर (कांग्रेस प्रधान) राहुल गांधी से राहत की उम्मीद में लेकिन हिट विकट हो गए। वह राज्य सरकार में अपनी उपेक्षा की शिकायत करने कांग्रेस अध्यक्ष से मिले, लेकिन उनको वहां से टका सा जवाब मिला और उनको निराश लौटना पड़ा। बताया जाता है कि इस मामले पर सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने पर राहुल ने उनसे नाराजगी जताई।
दरअसल, अमृतसर में मेयर पद को लेकर सिद्धू के मन की कसक खत्म नहीं हुई है। 24 जनवरी को सिद्धू कैबिनेट बैठक में तो शामिल हुए, लेकिन मेयर बनाने में उनकी सुनवाई नहीं होने को लेकर सिद्धू अगले ही दिन नई दिल्ली में राहुल गांधी से मिले। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि सिद्धू तीन दिन पहले पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले।
बताया जाता है कि सिद्धू ने इस मुलाकात के दौरान अपनी बात तो रखी, लेकिन बात नहीं बनी। चूंकि सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की थी और मेयर के चयन में उन्हें बैठक में नहीं बुलाए जाने को लेकर बयान भी जारी किया था। इस बात से राहुल गांधी भी खफा रहे। यह खबर राहुल गांधी के पास पहुंच चुकी थी। पार्टी के अंदर की बात को सार्वजनिक मंच पर लाने को लेकर राहुल ने नाराजगी भी जताई, जिसे देखते हुए सिद्धू दिल्ली से बैरंग ही लौट आए। हालांकि, इस बात की पुष्टि सिद्धू ने नहीं की है।
जानकारी के अनुसार सिद्धू ने जब कांग्र्रेस पार्टी ज्वाइन की थी, तब उनके साथ स्थानीय नेता दमनदीप भी कांग्रेस में आए थे। चूंकि सिद्धू दमनदीप को मेयर बनाना चाहते थे, लेकिन तमाम फील्डिंग सेट करने के बावजूद उनकी नहीं चली। क्योंकि कैप्टन ने साफ कर दिया था कि पुराने कांग्रेसियों को तरजीह दी जाएगी, जबकि सिद्धू सिर्फ अमृतसर में अपना दबदबा चाहते हैं। लिहाजा उनकी नहीं चली।
वहीं, राहुल गांधी सिद्धू से इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि वह न तो हिमाचल प्रदेश और न ही गुजरात में कांग्र्रेस के चुनाव प्रचार के लिए गए। बहरहाल सिद्धू राहुल के पास अपना दुखड़ा रोने गए थे, लेकिन खुद ही हिट विकेट होकर वापस पवेलियन लौट आए हैं।