बीयर के ब्राड नेम के साथ राष्ट्रीय प्रतीक
कंपनी अपनी ब्राडिंग कर रही है। शहर में जगह-जगह बीयर कंपनी की प्रमोशन के होर्डिग लगे हैं।
बरींद्र सिंह रावत, चंडीगढ़ : शहर में पुलिस अवॉर्ड फंक्शन के नाम पर शराब कंपनी अपनी ब्राडिंग कर रही है। शहर में जगह-जगह बीयर कंपनी की प्रमोशन के होर्डिग लगे हैं। नगर निगम ने फ्री में इन होर्डिग की परमिशन दी है। यही नहीं, बीयर कंपनी के ब्राड नेम के साथ राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न लगाकर कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। चंडीगढ़ पुलिस की मिलीभगत से राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न का अपमान हो रहा है। चंडीगढ़ पुलिस और नगर निगम के अधिकारी शराब कंपनी के सामने इस प्रकार नतमस्तक हैं कि उन्हें हर प्रकार की खुली छूट दी हुई है। नियमों के अनुसार कोई भी निजी व्यक्ति प्राइवेट प्रोग्राम में राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल नहीं कर सकता। नियमों के अनुसार यह अपराध है लेकिन बीयर कंपनी द्वारा न केवल चंडीगढ़ पुलिस के लोगो का इस्तेमाल अपने प्रोग्राम की ब्राडिंग के लिए किया जा रहा है बल्कि राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न भी होर्डिग में लगाया गया है। नगर निगम ने वसूली थी लाखों की पेनल्टी
हाल ही में चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर में निकली एक धार्मिक शोभायात्रा के बैनर बिना परमिशन लगाए जाने पर लाखों रुपये की पेनल्टी लगाई थी। वहीं, दूसरी तरफ चंडीगढ़ पुलिस के अवॉर्ड फंक्शन के नाम पर एक बीयर कंपनी को शहर में जगह-जगह अपनी ब्राडिंग फ्री में करने की परमिशन दी गई है। नियमों के अनुसार किसी भी प्राइवेट कंपनी को इस प्रकार की छूट नहीं दी जा सकती। नगर निगम के अफसरों का कहना है कि इसके लिए चंडीगढ़ पुलिस के अफसरों ने सिफारिश की थी। राष्ट्रीय प्रतीक के मिसयूज की शिकायत
भाजपा के पूर्व पार्षद सतिंदर सिंह ने बीयर कंपनी द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक के मिसयूज एवं अपमान की शिकायत प्रशासक बीपी सिंह बदनौर को की है। सतिंदर सिंह के अनुसार शराब कंपनी के बैनर पर राष्ट्रीय प्रतीक के इस्तेमाल पर केस दर्ज किया जाना चाहिए। चंडीगढ़ पुलिस के उन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने चंडीगढ़ पुलिस और राष्ट्रीय प्रतीक को बीयर कंपनी के बैनर पर इस्तेमाल की इजाजत दी। चंद रुपयों के लिए किरकिरी
सोशल मीडिया पर चंडीगढ़ पुलिस की किरकिरी हो रही है। शहर के सामाजिक संगठन तथा राजनीतिक दल शराब कंपनी के साथ मिलकर अवॉर्ड फंक्शन करने का विरोध कर रहे हैं। सामाजिक संगठनों के अनुसार चंद रुपयों के लिए चंडीगढ़ पुलिस अपनी छवि खराब कर रही है। किसी भी कंपनी को अपना लोगो इस्तेमाल करने की परमिशन पुलिस कैसे दे सकती है। मिलीभगत का खेल
इस अवॉर्ड फंक्शन की आड़ में पुलिस विभाग में प्राइवेट कंपनियों की दखलअंदाजी बढ़ रही है। प्रशासनिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि इस अवॉर्ड फंक्शन के पीछे जिस व्यक्ति का हाथ है, उसकी पुलिस महकमे में भीतर तक पैठ है। पुलिस अफसरों के तबादलों तक के लिए इस व्यक्ति की सिफारिशें लगाई जाती हैं।