NASA के Scientists से संवाद कर सकेंगे स्टूडेंट्स, दीक्षांत स्कूल में स्टेम इनोवेशन लैब सेंटर स्थापित Chandigarh News
छात्र नासा स्टैम इनोवेशन लैब के समक्ष अपने विचार भी प्रस्तुत करेंगे और इन पर काम करना शुरू करेंगे। इससे छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और अभिनव कार्य करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। दीक्षांत स्कूल की ‘थिंक लैब’ देश की पहली प्रयोगशाला बन गई है। जिसे नासा ने स्टेम इनोवेशन लैब आउटपोस्ट के रूप में मान्यता दी है। नासा स्टेम इनोवेशन लैब के लिए दीक्षांत स्कूल पहला अंतरराष्ट्रीय आउटपोस्ट भी होगा। टाईअप के तहत, दीक्षांत के छात्र नासा स्टेम इनोवेशन लैब के इंजीनियरों व वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करेंगे और विभिन्न परियोजनाओं के बारे में चर्चा कर सकेंगे।
छात्र नासा स्टैम इनोवेशन लैब के समक्ष अपने विचार भी प्रस्तुत करेंगे और इन पर काम करना शुरू करेंगे। इससे छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व अन्य क्षेत्रों में अग्रणी और अभिनव कार्य करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
हमारे स्कूल के लिए सौभाग्य की बात
मितुल दीक्षित ने कहा कि सौभाग्य है कि उनके स्कूल की थिंक लैब देश में पहली ऐसी लैब हो गई है। यह वास्तव में छात्रों को विज्ञान और अंतरिक्ष के बारे में अधिक गहराई से जानने और इस तरह के प्रतिष्ठित केंद्र में अपने अभिनव विचारों को प्रस्तुत करने के लिए एक शानदार अवसर होगा। यह छात्रों की उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देगा और युवा दिमागों की जिज्ञासा को बढ़ाएगा।
ट्रॉय डी. क्लाइन ने कहा कि स्टेम एजुकेशन छात्रों को टुकड़ों-टुकड़ों में कुछ जानने की बजाय समग्र रूप से दुनिया को समझने का मौका देती है। यह दीक्षांत के छात्रों को नासा स्टैम लैब में उपलब्ध ऑनलाइन संसाधनों और सामग्री तक पहुंच प्रदान करेगी। नासा स्टेम इनोवेशन लैब की विशेषज्ञता पार्टनर स्कूल को प्रोजेक्ट पूरे करने में मदद करेगी।