अपने पंच के दम पर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पहुंची नंदनी, जर्मनी से होगा पहला मुकाबला Chandiagarh News
नंदनी ने अभी तक सीनियर नेशनल में कोई मेडल नहीं जीता है। आइबा वुमन वर्ल्ड चैंपियनशिप में नंदनी का चयन ट्रायल के आधार पर हुआ है।
जेएनएन, चंडीगढ़। शहर की बॉक्सर नंदनी सूद रूस में आयोजित वर्ल्ड वुमन बॉक्सिंग चैंपियन में हिस्सा ले रही हैं। इस वर्ल्ड चैंपियनशिप की ओपनिंग सरमनी तीन अक्टूबर को हुई। खास बात यह रही इस प्रतियोगिता में पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन मैरी कॉम और सरिता देवी जैसी नामी बॉक्सर हिस्सा ले रही थी, फिर भी इस बड़े टूर्नामेंट की ओपनिंग सरमनी में फ्लैग होस्टिंग का मौका नंदनी को दिया गया। नंदनी इस प्रतियोगिता में अपना पहला मैच 6 अक्टूबर को जर्मनी के साथ खेलेंगी।
गुरू गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वुमन (जीजीएससी डब्लयू -26) में पढ़ने वाली नंदनी इससे पहले भी कई टूर्नामेंट में खुद को साबित कर चुकी है। चंडीगढ़ बॉक्सिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट सीके जैरथ ने बताया कि नंदनी ने अभी तक सीनियर नेशनल में कोई मेडल नहीं जीता है। आइबा वुमन वर्ल्ड चैंपियनशिप-2019 में नंदनी का चयन ट्रायल के आधार पर हुआ है। नंदनी ने ट्रायल में लगातार शानदार प्रदर्शन कर इस प्रतियोगिता में अपनी जगह बनाई है।
कई प्रतियोगिताओं में खुद को साबित कर चुकी हैं नंदनी
नंदनी इससे पहले कई प्रतियोगिताओं में खुद को साबित कर चुकी है। नंदनी ने स्कूल नेशनल में गोल्ड जीता था। उन्होंने पहली बार यूथ नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए ब्रांज मेडल और दूसरी बार हिस्सा लेते हुए सिल्वर मेडल जीता। वहीं सर्विया में आयोजित सेवन नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और अॉल इंडिया इंटर कॉलेज बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
बेटी की उपलब्धि पर नाज
नंदनी के पिता हरीश सूद और माता अंजली सूद ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी की उपलब्धियों पर नाज है। उन्होंने बताया कि नंदनी ने पढ़ाई में भी काफी अच्छी है। नंदनी सूद ने अपनी फिटनेस के लिए बॉक्सिंग ज्वाइन की थी, लेकिन उसके कोच भगवंत सिंह और जयहिंद ने उन्हें तराशा की तीन से चार सालों की मेहनत के बाद आज नंदनी इंटरनेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गई है। हमें उम्मीद है कि नंदनी वहां पर भी जरूर तिरंगे की शान का बढ़ाएगी।
जीत के जज्बे ने बनाया नंदनी को चैंपियन
नंदनी के कोच भगवंत सिंह ने बताया कि नंदनी ऐसी बॉक्सर है, जो आसानी से हार नहीं मानती। नंदनी में चैंपियन बनने का जज्बा है, उसके इसी व्यवहार की वजह से उसने चार सालों की मेहनत में यह मुकाम हासिल किया है। नंदनी साल 2015 में हमारे पास बॉक्सिंग सीखने के लिए आई थी। उसने मेहनत की और नतीजा सबके सामने है। मुझे उम्मीद है कि वह एक दिन जरूर देश के लिए मेडल जीतेगी।
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