नाम का निर्भया फंड, महिलाओं की सुरक्षा पर नहीं हुआ खर्च
केंद्र सरकार ने निर्भया फंड बनाया। राज्यों और यूटी को भी फंड आवंटित किया गया।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : 2012 में निर्भया केस के बाद बड़ी-बड़ी बातें हुई। केंद्र सरकार ने निर्भया फंड बनाया। राज्यों और यूटी को भी फंड आवंटित किया गया। लेकिन जिस उद्देश्य से यह फंड बनाया गया था, वह पूरा नहीं हुआ। चंडीगढ़ को इस फंड के तहत 7.46 करोड़ रुपये अलॉट हुए थे। लेकिन खर्च सिर्फ 2.60 करोड़ रुपये ही किए गए। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के साथ मीटिग में मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की कमेटी ने यह जानकारी दी थी। दरअसल यह फंड महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। महिलाओं को जागरूक करने जैसे कार्यो पर इसे खर्च किया जाना था। लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन भी इस मामले में कितना गंभीर है, यह फंड की स्थिति से लगा सकते हैं। एडवोकेट अजय जग्गा ने कहा कि इस मामले में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को चिट्ठी लिखकर इसकी शिकायत की है। उन्होंने चिट्ठी में फंड की जानकारी भी दी है। पंजाब और हरियाणा का भी यही हाल
चंडीगढ़ ही नहीं, पंजाब और हरियाणा भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं। इन दोनों ही राज्यों में भी निर्भया फंड का इस्तेमाल नहीं है। पंजाब को निर्भया फंड के तहत 20.47 करोड़ रुपये आवंटित हुए लेकिन इसमें से केवल तीन करोड़ ही खर्च किए गए। जो कुल फंड का सातवां हिस्सा है। इसी तरह से हरियाणा को 16.71 करोड़ रुपये मिले जिसमें से 6.6 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए। कोई भी 50 फीसद फंड भी खर्च नहीं सका। चंडीगढ़ में दो बार हुए सामूहिक दुष्कर्म
चंडीगढ़ में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। नियमित अंतराल के बाद वारदात से पूरे शहर को शर्मिदा होना पड़ा है। दिसंबर 2016 में पिकाडली चौक से रात को युवती ने ऑटो लिया। ऑटो में पहले से ही दो लड़के मौजूद थे। इसके बाद सेक्टर-29 स्लिप रोड के साथ लगते जंगल में युवती से सामूहिक दुष्कर्म हुआ। इसके ठीक एक साल बाद फिर से नवंबर 2017 में सेक्टर-52 के जंगल में युवती से सामूहिक दुष्कर्म हुआ। कमाल की बात यह रही कि इन दोनों ही मामलों में एक दोषी मोहम्मद इरफान शामिल रहा। पकड़े नहीं जाने से उसके हौसले बुलंद थे। महिलाओं को पिक एंड ड्रॉप की सुविधा देना जरूरी
महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए नाइट शिफ्ट में चलने वाले सभी ऑफिस या कंपनी को पिक एंड ड्रॉप की सुविधा देनी जरूरी है। फिर चाहे किसी ऑफिस में एक ही महिला काम क्यों न करती हो। डीसी ने सीआरपीसी 144 के तहत यह आदेश जारी कर रखे हैं। चंडीगढ़ में बहुत सी आइटी कंपनी और कॉल सेंटर ऐसे हैं जिनका काम रात को होता है। लेकिन अभी भी यहां महिला स्टाफ को पिक एंड ड्रॉप की सुविधा नहीं है। हालांकि चंडीगढ़ पुलिस ने रात को ड्रॉप करने की सुविधा दे रखी है।