एक्टिंग करना मेरे बस में नहीं, संगीत के लिए ही बना हूं: गंधर्व
एक्टिंग करना मेरे लिए आसान नहीं है और न ही में इसे कर सकता हूं। मेरा जन्म संगीत के लिए हुआ है और संगीत में ही रहना चाहता हूं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : एक्टिंग करना मेरे लिए आसान नहीं है और न ही में इसे कर सकता हूं। मेरा जन्म संगीत के लिए हुआ है और संगीत में ही रहना चाहता हूं। यह कहना है एसडी कॉलेज सेक्टर-32 के पुराने स्टूडेंट गंधर्व सचदेव का। गंधर्व सचदेव ने वर्ष 2009 में एसडी कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई पूरी की थी। घर दिल्ली में था, लेकिन मम्मी का मायका जालंधर था। मम्मी को संगीत को पंजाब बहुत प्यारा था। इसलिए चार साल की उम्र में उन्होंने मेरे से सितार बजाना शुरू कर दिया और शुरू से ही लक्ष्य रखा कि मैं पंजाब के किसी कॉलेज से पढ़ाई पूरी करूं। एसडी कॉलेज में पढ़ते हुए संगीत को जारी रखा। बीबीए पूरी होने के बाद सपना था कि बालीवुड में जाना है। इसके लिए मुंबई गई और वहां पर जाकर एमबीए करना शुरू कर दिया। पढ़ाई के साथ रियाज जारी रखा और एक दिन मुझे गाने का भी मौका मिल गई। अब तक बालीवुड के चार गीत गा चुका हूं। जो कि फुकरे रिटर्स फिल्म में है। गंधर्व ने बताया कि भविष्य में प्लेबैक सिंगर के तौर पर ही पहचान बनाना चाहता हूं।
सुखना लेक पर गाना और फ्रेंगरेंस गार्डन में घूमना है पसंद
गंधर्व ने बताया कि जब वह कॉलेज में पढ़ते थे और उनके गाने का दिल होता था तो वह सुखना लेक पर जाते थे। दोस्तों के साथ गिटार लेकर कई-कई घंटों तक सुखना लेक पर गाता रहता था। वहां पर गाते हुए पता ही नहीं चलता था कि समय कब खत्म हो गया। इसके लिए मानसिक शांति के लिए फ्रेंगरेंस गार्डन सेक्टर-36 में जाता था। उस गार्डन में क्या है मैं समझ नहीं पाया, लेकिन जो सुकून वहां पर जाकर मिलता है, वह कहीं अन्य नहीं मिलता है।