डिफाल्टर सरकारी विभागाें पर निगम सख्त, वित्त सचिव को पत्र लिख कहा- जमा कराओ छह करोड़ का बकाया Chandigarh News
निगम ने वित्त सचिव को पत्र लिख कहा है कि वह अपने कार्यकारी अभियंताओं को आदेश जारी करें कि वे अपनी सरकारी इमारतों के साल 2015 से 2019 तक के बकाये प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करें।
चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम ने बकाये प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर अभियान तेज कर दिया है। इसके तहत अब निगम सरकारी विभागाें काे भी बख्शने के मूड में नहीं है। निगम ने वित्त सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने कार्यकारी अभियंताओं को आदेश जारी करें कि वे अपनी सरकारी इमारतों के साल 2015 से 2019 तक के बकाये प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करें।
इन सालाें का 359 सरकारी इमारतों का 6.27 कराेड़ रुपये बकाया है। हालांकि इससे पहले के सालाें का भी सरकारी इमारतों का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है, लेकिन अभी हाल ही में इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर केके यादव की प्रशासन के वित्त सचिव एके सिन्हा के साथ बैठक हुई है।
इसमें तय किया गया कि अभी इन पांच सालों का बकाया टैक्स प्रशासन जमा करवा देगा और प्रशासन के पास इसके भुगतान के लिए फंड भी है। इससे पहले के बकाया टैक्स का आकलन कर आगे टैक्स जमा करवा दिया जाएगा।
जुर्माने के बिना टैक्स जमा करवाने की मांग
नगर निगम की ओर से वित्त सचिव को पत्र लिखा कर कहा गया है कि वह अपने कार्यकारी अभियंताओं को आदेश जारी करे कि वह भविष्य में लगने वाले जुर्माने के बिना टैक्स जमा करवा दें। अभी जो 359 सरकारी इमारतें डिफाल्टर की सूची में शामिल है।
359 सरकारी इमारतें डिफाल्टर की सूची में शामिल
उसमें शहर के पुलिस थाने, पुलिस लाइन, सभी सरकारी डिस्पेंसरियां, जिला अदालत, सेक्टर-16 अस्पताल, न्यू सचिवालय, पंजाब-हरियाणा विधानसभा भवन, ई-संपर्क सेंटर, रॉक गार्डन, सेक्टर-25 की शूटिंग रेंज, पुलिस अस्पताल, बुड़ैल जेल, सेक्टर-17 बस स्टैंड, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट जैसी अहम इमारतें भी शामिल हैं।
इसके अलावा पिछले दिनाें कई मामले एेसे भी सामने अाए थे, जिनमें प्रॉपर्टी टैक्स भरने के बावजूद लाेगाें काे लाेगाें काे नोटिस जारी किए गए थे। इससे पहले एडीशनल कमिश्नर-3 ने पिछले टैक्स संबंधी समस्याओं को एक महीने तक विशेष शिविर में हल करने का आश्वासन दिया, लेकिन लोगों ने शिविर में कोई रुचि नहीं ली।