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नगर काउंसिल जीरकपुर चुनाव: पुराने मुद्दों पर चुनाव लड़ने को हलका डेराबस्सी के 67 काैंसलर तैयार

नगर काउंसिल चुनाव का बिगुल बजते ही जीरकपुर-डेराबस्सी में पुराने मुद्दों पर चुनाव लड़ने के लिए 15 काैंसलराें ने तैयारी तेज कर दी है। पिछले 15 साल से अकाली-भाजपा काबिज सता पर काबिज है।

By Edited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 04:16 PM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 10:39 AM (IST)
नगर काउंसिल जीरकपुर चुनाव: पुराने मुद्दों पर चुनाव लड़ने को हलका डेराबस्सी के 67 काैंसलर तैयार
नगर काउंसिल जीरकपुर चुनाव: पुराने मुद्दों पर चुनाव लड़ने को हलका डेराबस्सी के 67 काैंसलर तैयार

जीरकपुर, जेएनएन।  नगर काउंसिल चुनाव का बिगुल बजते ही जीरकपुर-डेराबस्सी में पुराने मुद्दों पर चुनाव लड़ने के लिए हलका डेराबस्सी के 67 काउंसलरों ने राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं। जीरकपुर 31, डेराबस्सी 19 व लालडू में 17 वार्ड हैं। हलके में जीरकपुर, डेराबस्सी की दो नगर काउंसिल व लालडू की एक नगर पंचायत में कुल 67 काैंसलर मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं।

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बेशक अब तक राजनीतिक दल ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं, लेकिन चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपने-अपने वार्डो में सरगर्म हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार हलके में शिअद-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस से टिकट न मिलने वाले नेता आजाद चुनाव लड़ने को तैयार हैं। ये प्रत्याशी विजेता उम्मीदवारों का पूरा खेल बिगाड़ सकते हैं। नगर काउंसिल जीरकपुर में 15 साल से अकाली-भाजपा काबिज है।

इस बार चुनाव में समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े लोग भी उतरने की तैयारी में हैं। कई उम्मीदवारों ने तो मतदाताओं के साथ संपर्क साधना भी शुरू कर दिया है। जीरकपुर-डेराबस्सी के लोगों को पीने का पानी, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, नक्शा फीस कम करने, प्रदूषण की समस्या, स्थायी बस अड्डा, सरकारी कॉलेज, मॉडल स्कूल, सार्वजनिक टॉयलेट्स आदि की सुविधा अभी तक नहीं मिली है। जबकि नगर काउंसिल के चुनाव नजदीक आ गए हैं तो फिर से पार्टी उम्मीदवार इन्हीं मुद्दों पर वोट मांगेंगे।

अब देखना यह है कि जीत के उम्मीदवार बरसों से मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे लोगों की समस्याओं का समाधान भी करेंगे या फिर यह दावे केवल वोटों तक ही सीमित रह जाएंगे। बता दें कि पिछले चुनाव के दौरान हलका विधायक एनके शर्मा की अगुआई में शिरोमणि अकाली दल व भाजपा गठजोड़ द्वारा जीत हासिल की थी और कांग्रेस का एक भी उम्मीदवार नहीं जीता पाया था। पर इस बार राज्य में कांग्रेस सरकार होने के कारण शिअद-भाजपा के लिए पुराना इतिहास दोहराना आसान नहीं होगा।

सितंबर में अंतिम फैसला होने की उम्मीद

22 मार्च के बाद कांग्रेसी नेताओं की प्लानिंग और विकास के मंसूबों पर लॉकडाउन और क‌र्फ्यू ने पानी फेर दिया था। अब अनलॉक की प्रक्रिया के चलते कुछ विकास कार्यों और अधिकारियों की बैठकें शुरू हुई हैं। लेकिन अभी कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते अक्टूबर में चुनाव होना अभी नामुमकिन लग रहा है। इस पर अंतिम फैसला अभी सितंबर में होने की उम्मीद है। बावजूद इसके नगर काउंसिल जीरकपुर के अधिकारियों के मुताबिक उनकी ओर से चुनाव को लेकर पूरी तैयारी है।

शिअद के कार्यकाल दौरान हलका डेराबस्सी के लोग बुनियादी सहूलियतों को तरसते रहे हैं, पर कांग्रेस की सरकार आने पर हलका डेराबस्सी में करोड़ों रुपये खर्च के विकास कार्य करवाए गए हैं। इसके आधार पर चुनाव लड़ा जाएगा। दीपइंदर ढिल्लों, हलका इंचार्ज कांग्रेस पार्टी

कोरोना जैसी महामारी के दौर में शिअद लोगों की जान को जोखिम में डालकर चुनाव लड़ने के खिलाफ है। बावजूद कांग्रेस द्वारा चुनाव करवाए जाते हैं तो पार्टी मैदान में उतरेगी और पिछले समय दौरान विकास व कांग्रेस पार्टी की बीते साढ़े तीन साल की नाकामी को आधार बनाकर चुनाव लड़ते पुराना इतिहास दोहराएगी। एनके शर्मा, हलका विधायक

दोनों रिवायती पार्टियों से लोग तंग आ चुके हैं। पार्टी इशारा करती है तो मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। पार्टी हाईकमान चुनाव संबंधी इस हफ्ते ही अंतिम फैसला ले लेगा। -कुलजीत सिंह रंधावा, आम आदमी पार्टी नेता

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