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ट्रिब्यून चौक पर नहीं बनेगा क्लोवर लीफ इंटरचेंज, नगर निगम ने प्रस्ताव काे नकारा Chandigarh News

बैठक में प्रशासन के अफसरों ने फ्लाईओवर की जगह नए विकल्प को नकार दिया। इंजीनियर्स ने कहा कि इससे ज्यादा जमीन अधिग्रहण की जरूरत पड़ेगी।

By Vipin KumarEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 09:18 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 02:46 PM (IST)
ट्रिब्यून चौक पर नहीं बनेगा क्लोवर लीफ इंटरचेंज, नगर निगम ने प्रस्ताव काे नकारा Chandigarh News
ट्रिब्यून चौक पर नहीं बनेगा क्लोवर लीफ इंटरचेंज, नगर निगम ने प्रस्ताव काे नकारा Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। यूटी प्रशासन ने ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर की जगह विकल्प के तौर पर दिल्ली के एम्स की तर्ज पर क्लोवर लीफ इंटरचेंज बनाने के सुझाव को नकार दिया है। इस मुद्दे पर वीरवार को प्रशासन के अधिकारियों की हुई बैठक में अधिकारियों को क्लोवर लीफ इंटरचेंज का सुझाव पंसद नहीं आया। अधिकारियों ने इसमें तमाम जटिलताओं का जिक्र किया।

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ऐसे में अब संरचनात्मक (स्ट्रक्चरल) इंजीनियर तरुण माथुर को प्रस्तावित प्रोजेक्ट पर पूरी सर्वे रिपोर्ट अगली बैठक में पेश करने के लिए कहा गया है। अधिकारियों ने कहा कि माथुर द्वारा सुझाए गए विकल्प को मूर्त रूप देने के लिए एक तो ज्यादा जमीन अधिग्रहण की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा 700 अतिरिक्त पेड़ भी काटने पड़ेंगे। जबकि प्रशासन ज्यादा पेड़ काटने के पक्ष में नहीं है। अभी तक फ्लाईओवर वाले प्रोजेक्ट के लिए 542 पेड़ काटे जाने हैं। 

अधिकारियों ने प्रस्ताव को लेकर इन समस्याओं का किया जिक्र

बैठक में इंजीनियरों ने अपने सुझाव दिए। नेशनल हाईवे पीडब्ल्यूडी पंजाब के चीफ इंजीनियर ने भी माथुर के सुझाव पर आपत्ति जताई। बैठक में अधिकारियों ने यह भी कहा कि क्लोवर लीफ इंटरचेंज बनाने में ज्यादा खर्च आएगा। इसमें वाहन की स्पीड कम से कम 40 किमी प्रति घंटा रखनी होगी, जो कि यातायात के लिए सही नहीं है।

हाई कोर्ट ने विकल्प तलाशने का दिया था निर्देश

ट्रिब्यून चौक पर प्रस्तावित फ्लाईओवर के निर्माण पर पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से रोक लगा दी गई थी। कोर्ट ने इस मामले में किसी अन्य विकल्प की तलाश करने का निर्देश दिया था। सलाहकार मनोज परिदा ने वित्त सचिव अजॉय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में अलग-अलग विभागों के चीफ इंजीनियर की एक कमेटी का गठन किया था। अभी प्रशासन को इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखना है।

तरुण माथुर को अपने सुझाव पर पूरा यकीन

तरुण माथुर ने बैठक में बताया कि उनका सुझाव अच्छा है। इस पर फ्लाईओवर बनाने वाले प्रोजेक्ट के बराबर ही खर्चा आएगा। इस पर सिर्फ 60 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है। चंडीगढ़ के हेरिटेज स्टेटस को देखते हुए फ्लाईओवर ठीक नहीं है। क्लोवर लीफ इंटरचेंज जमीन से महज 2 मीटर ऊंचा और साढ़े 4 मीटर नीचे होगा। यह पूरी तरह से सिग्नल फ्री होगा। किसी भी तरफ जाने के लिए लोगों को कहीं भी रुकना नहीं पड़ेगा। यह ट्रैफिक को डायवर्ट कर देगा। इससे जाम लगने की स्थिति पैदा नहीं होगी।

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