Move to Jagran APP

नगर निगम ने खानापूर्ति के लिए करवाया होमलेस सर्वे, 8 महीनों में बेघर लोगों के लिए नहीं बना सके रणनीति

शहर में कितने बेघर लोग रह रहे है इस बात को जानने के लिए नगर निगम ने वर्ष 2019 में एक सर्वे करवाया था। इसकी रिपोर्ट इस वर्ष मार्च माह में नगर निगम को सौंपी गई थी। उसके बाद भी निगम ने जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया।

By Vinay KumarEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 10:05 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 10:05 AM (IST)
नगर निगम ने खानापूर्ति के लिए करवाया होमलेस सर्वे, 8 महीनों में बेघर लोगों के लिए नहीं बना सके रणनीति
सर्वे में सामने आया था कि चंडीगढ़ जैसे शहरों में 2064 बेघर लोग हैं।

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। शहर में कितने बेघर लोग रह रहे है, इस बात को जानने के लिए नगर निगम ने वर्ष 2019 में एक सर्वे करवाया था। इस सर्वे के लिए निगम ने पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फार सोशल वर्क को चुना था। होमलेस प्रोजेक्ट से शुरू हुए इस सर्वे में विभाग के टीचर्स और पूर्व स्टूडेंट्स ने इस सर्वे को अंजाम दिया था। इसकी रिपोर्ट इस वर्ष मार्च माह में नगर निगम को सौंपी गई थी। उसके बाद भी नगर निगम ने जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया। मार्च से जून तक लॉकडाउन था लेकिन जून के बाद नवंबर माह तक निगम ने इस सर्वे रिपोर्ट को देखा तक नहीं होगा। जिसे देख कर ऐसा कहा जा सकता है कि निगम ने सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही यह सर्वे करवाया था। आलम यह है कि लोग बेघर सड़कों पर सो रहे है और निगम के अधिकारी आराम से अपने घरों में चैन की नींद सो रहे है।

loksabha election banner

स्मार्ट सिटी में 2064 लोग बेघर

सर्वे में सामने आया था कि चंडीगढ़ जैसे शहरों में 2064 बेघर लोग है, जिनके पास सिर छिपाने के लिए कोई आशियाना नहीं है। ये लोग शहर के विभिन्न स्थानों पर रात गुजारते है। प्रोजेक्ट को शुरू करने का उद्देश्य चंडीगढ़ में रह रहे बेघर लोगों के बारे में जानकारी एकत्रित करनी थी जिससे वह उनको रैनबसेरा या फिर किसी ओर जगह सिर छिपाने की जगह मुहैया करवा सके।

रात को हुआ था सर्वे

जब यह सर्वे हुआ था उस समय न तो कोरोना था और न ही लॉकडाउन या फिर नाइट कफ्ूर्य जैसे स्थिति थी। टीम ने शहर की हर जगह जिसमें पैराफेरी और ग्रामीण इलाके भी शामिल है, रात के समय जाकर सर्वे किया। वहीं इनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्य से आए हुए लोग है। इन लोगों के पास आईडी प्रूफ भी है।

सिर छिपाने का प्रबंध करने में निगम विफल

प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले निगम अधिकारियों का मानना था कि सर्वे के बाद बेघर लोगों को सिर छिपाने के लिए जगह मिलेगी। लेकिन अफसोस निगम अपने वादों पर खरा नहीं उतर सका। पीयू टीम ने समय से पहले ही रिपोर्ट निगम को सौंप दी थी। वहीं निगम बेघर लोगों के लिए सिर छिपाने के लिए जगह का प्रबंध करने में असफल रहा।

यह थे सर्वे रिपोर्ट के आंकड़े

उम्र                                बेघर लोगों की संख्या

13 से 18 वर्ष                        241 बच्चे

19 से 24 वर्ष                     369 बच्चे

25 से 30 वर्ष                        287 लोग

31 से 40 वर्ष                        500 लोग

41 से 50 वर्ष                        390 लोग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.