पेड पार्किंग के एमओयू को लेकर मेयर कालिया ने गठित की कमेटी, कांग्रेस विरोध में उतरी
शहर की 25 पेड पार्किंग को नए सिरे से ठेके पर देने के लिए जो एमओयू बनना है उसे बनाने के लिए मेयर राजेश कालिया ने पांच सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है।
जासं, चंडीगढ़: शहर की 25 पेड पार्किंग को नए सिरे से ठेके पर देने के लिए जो एमओयू बनना है, उसे बनाने के लिए मेयर राजेश कालिया ने पांच सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है। पूर्व मेयर अरुण सूद को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। इसमें पूर्व मेयर आशा जसवाल,गुरबख्श रावत, सीनियर डिप्टी मेयर हरदीप सिंह और महेश इंद्र सिद्धू को सदस्य बनाया गया है। जबकि इस कमेटी में कमिश्नर केके यादव की ओर से अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। पिछले माह 28 फरवरी को होने वाली बैठक में नया एमओयू बनाने के लिए कमेटी बनाने का फैसला लिया गया था। चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण सदन के पास एमओयू पास करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में जून माह को होने वाली सदन की बैठक में प्रस्तावित एमओयू को पास करके पेड पार्किंग स्थलों को चार जोन में बांटकर अलग अलग कंपनियों को ई टेंडरिंग द्वारा अलाट करने का फैसला लिया जाएगा। यह कमेटी ही तय करेगी कि पेड पार्किंग में कौन कौन से स्मार्ट फीचर होने चाहिए।
हम खुद ही स्मार्ट फीचर उपलब्ध कराने के पक्ष में: मेयर
मेयर राजेश कालिया का कहना है कि आर्य इंफ्रा कंपनी ने जो स्मार्ट फीचर का दावा किया गया था, वह उसमें नहीं था। वह चाहते हैं कि स्मार्ट फीचर में जो सुविधाएं हैं उसे नगर निगम खुद अपने खर्चे से पार्किंग में लगाकर दे और पार्किंग सिर्फ संचालन के लिए कंपनियों को दिया जाए। वह इस बारे में कमिश्नर केके यादव से बात करेंगे। सहमति बनी तो इस पर काम किया जाएगा।
कमेटी के सदस्यों पर कैंथ ने उठाए सवाल
भाजपा से बागी पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि एक एमओयू साल 2016 में तत्कालिन मेयर अरुण सूद के कार्यकाल में बनाया गया था जो कि अगले साल 2017 में पूर्व मेयर आशा जसवाल के कार्यकाल में पास किया गया। उसमें तमाम खामियां थीं। अब जिस कमेटी का गठन हुआ है, उसमें भी पूर्व मेयर अरुण सूद और आशा जसवाल को शामिल कर दिया गया। कांग्रेस ने भी आर्य इंफ्रा के साथ किए गए एमओयू पर सवाल उठाया है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि भाजपा ने पहले कंपनी को ठेका दिलवाया और स्मार्ट फीचर किए बिना पार्किंग रेट्स चार गुना कर दिए गए और बाद में खुद ही कंपनी को भगा दिया। उनका कहना है कि दो साल तक जो बढ़ हुए रेट्स शहरवासियों से चार्ज किए गए हैं वह लोगों को वापस करने चाहिए।