नगर निगम ने रोका मेयर कालिया सहित पार्षदों का एरियर, 2015 में बढ़ा था मानदेय Chandigarh News
पंजाब सरकार ने नगर निगम के पार्षदों का मानदेय बढ़ाने की अधिसूचना साल 2015 के जून में जारी की थी। चंडीगढ़ में पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट लागू होता है।
जेएनएन, चंडीगढ़। वित्तीय संकट से जूझ रहे नगर निगम के पार्षदों को बढ़ी सैलरी का एरियर नहीं मिलेगा।
पंजाब सरकार ने नगर निगम के पार्षदों का मानदेय बढ़ाने की अधिसूचना साल 2015 के जून में जारी की थी। चंडीगढ़ में पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट लागू होता है। ऐसे में नगर निगम के पार्षद चाहते हैं कि उन्हें 2015 से बढ़ा हुआ मानदेय मिले, लेकिन चंडीगढ़ नगर निगम ने सभी 35 मनोनीत पार्षदों को जो इस माह का मानदेय दिया है, उसमें ही पांच हजार रुपये का इजाफा किया है।
कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने की हस्तक्षेप की मांग
पिछला एरियर न मिलने पर कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। कैंथ की इस मामले में नगर निगम के अकाउंट विभाग के अधिकारियों के साथ भी तू-तू मैं-मैं हुई है। प्रशासन की ओर से जो अधिसूचना जारी की गई है उसमें मनोनीत पार्षदों का मानदेय बढ़ाया गया है, जबकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर अब मनोनीत पार्षदों के पास मेयर चुनाव में वोट अधिकार नहीं है।
2012 में भी मानदेय बढ़ने की अधिसूचना हुई थी जारी
कैंथ ने अपने पत्र में कहा है कि साल 2012 में भी मानदेय बढ़ने की अधिसूचना जारी हुई थी। उस समय पिछला एरियर भी पार्षदों को मिला था। कांग्रेस पार्षद का कहना है कि नगर निगम के सभी पार्षदाें काे एरियर मिलना चाहिए।
पार्षदों को हर मीटिंग के मिलेंगे 500 रुपये अतिरिक्त
अधिसूचना के अनुसार अब हर पार्षद का मानेदय 10 से बढ़कर 15 हजार रुपये हो गया है। जबकि, मेयर का प्रति माह का मानदेय 40 हजार, सीनियर डिप्टी मेयर का मानदेय 24 हजार और डिप्टी मेयर का मानेदय 18750 रुपये हो गया है। वहीं पार्षद को हर मीटिंग में शामिल होने का 500 रुपये अलग से मिलेगा।