पंचकूला में 500 से ज्यादा पिटबुल और रोटविलर, मालिक परेशान, आखिर कुत्तों को कहां लेकर जाएं
पंचकूला नगर निगम के पास करीब 5000 कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है जिसमें से 200 कुत्ते पिटबुल और 250 से 300 रोटविलर बताए जा रहे हैं। शहरी इलाके में इस नस्ल के कुत्तों की संख्या बहुत कम है लेकिन ग्रामीण और कालोनियों में इस नस्ल के कुत्ते ज्यादा हैं।
राजेश मलकानियां, पंचकूला। पंचकूला नगर निगम ने शहर में पिटबुल और रोटविलर नस्ल के कुत्तों पर बैन लगा दिया है। निगम के इस फैसले के बाद इन कुत्तों के मालिक मालिक परेशान हैं। मालिकों को समझ नहीं आ रहा कि वह अपने इन पालतू कुत्तों का क्या करें और साथ ही यह भी डर है कि कहीं नगर निगम की टीम आकर इन्हें उठा कर ना ले जाए। हालांकि अभी तक घरों से कुत्ते उठाने के संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन कुछ मालिक नगर निगम के फैसले से घबराकर इन्हें किसी खुली जगह पर छोड़ने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
पंचकूला नगर निगम के पास करीब 5000 कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, जिसमें से 200 कुत्ते पिटबुल और 250 से 300 रोटविलर बताए जा रहे हैं। शहरी इलाके में इस नस्ल के कुत्तों की संख्या बहुत कम है, लेकिन ग्रामीण और कालोनियों में लोगों ने इस नस्ल के कुत्ते पाले हुए हैं।
नगर निगम की बैठक में वीरवार को यह फैसला लिया गया था की पिटबुल और रोटविलर नस्ल के कुत्ते तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित किए जाएं, जिसका सभी पार्षदों ने समर्थन किया था। इसके बाद पार्षदों के बाद भी उनके क्षेत्र में रहने वाले उन लोगों के फोन आ रहे हैं, जिन्होंने इस नस्ल के कुत्ते पाले हुए हैं। वह पार्षदों से एकाएक पर खड़ी हुई परेशानी का हल पूछ रहे हैं, जिसका जवाब पार्षदों के पास भी नहीं है।
नगर निगम करे कुत्तों को रखने की व्यवस्था
वही स्थानीय निवासी संदीप कुमार ने बताया कि नगर निगम द्वारा फैसला तो ले लिया गया है, लेकिन यह तय नहीं किया गया है कि जिनके पास कुत्ते होंगे उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी और कितना जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फैसला सराहनीय है, लेकिन नगर निगम को उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिन्होंने अपने घरों में इस नस्ल के कुत्ते पाले हुए हैं, ताकि वह इनका कोई प्रबंध कर सकें या तो नगर निगम इन कुत्तों को कहीं रखने की व्यवस्था करें या फिर जिन लोगों ने जिस किसी से यह कुत्ते खरीदे हैं उन्हें वापस कर दें।
यह नगर निगम का तुगलकी फरमान
एनिमल वेलफेयर के लिए काम करने वाली मीनाक्षी महापात्रा ने कहा कि नगर निगम का यह तुगलकी फरमान है। पिटबुल और रोटविलर नस्ल के कुत्तों के खिलाफ लिए गए फैसले से डॉग्स लवर्स में गुस्सा है। यदि इस फैसले के बाद लोगों ने अपने पालतू पिटबुल और रोटविलर खुले में छोड़ दिए तो समस्या और बढ़ सकती है। मीनाक्षी महापात्रा ने दावा किया कि सेक्टर 5 की सब्जी मंडी में वीरवार रात को किसी ने अपना पिटबुल खुले में छोड़ दिया था, जिस पर आसपास के लोगों और कुत्तों ने हमला कर दिया और वह जख्मी हो गया। इसलिए ऐसे फैसले लेने से पहले इन मामलों में एक्सपर्ट की राय अवश्य लेनी चाहिए।
पंचकूला में स्ट्रे डाग्स बाइट के रोजाना 12 से 20 मामले
हालांकि पंचकूला में पिटबुल और रोटविलर के काटने का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन शहर में स्ट्रे डाग्स द्वारा लोगों को काटने की समस्या बरकरार है। इन कुत्तों से निपटने के लिए नगर निगम आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया और रोजाना नागरिक अस्पताल सेक्टर 6 पंचकूला में 15 से 20 मामले ऐसे आते हैं, जिसमें आवारा कुत्तों ने लोगों को काट लिया हो।
बफादार कुत्ता है पिटबुल
राजीव कॉलोनी में पिटबुल रखने वाले लल्लन ने बताया कि मैंने पिछले लगभग 3 साल से पिटबुल पाल रखा है । यह एक वफादार कुत्ता है। यह किसी को बेवजह नहीं काटता लेकिन यदि कोई से छेड़ता है, तो उसे छोड़ता भी नहीं है।