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एक-एक फेज में 100 से ज्यादा पेइंग गेस्ट, 70 फीसद अवैध

मोहाली में अवैध रूप से पीजी चला रहे मालिकों को पुलिस कार्रवाई का डर सताने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 10:49 PM (IST)
एक-एक फेज में 100 से ज्यादा पेइंग गेस्ट, 70 फीसद अवैध
एक-एक फेज में 100 से ज्यादा पेइंग गेस्ट, 70 फीसद अवैध

संदीप कुमार, मोहाली : चंडीगढ़ के पीजी (पेइंग गेस्ट) में आग लगने से तीन लड़कियों की मौत के बाद अब मोहाली में अवैध रूप से पीजी चला रहे मालिकों को पुलिस कार्रवाई का डर सताने लगा है। जो पीजी मालिक कई साल से अपने पीजी को रजिस्टर्ड करवाने में लापरवाही दिखा रहे थे, वही, मामला दर्ज होने के डर से प्रशासन के दफ्तर में पहुंचने शुरू हो गए हैं। यही नहीं, जिन पीजी मालिकों ने अब तक स्टूडेंट्स की पुलिस वेरिफिकेशन को भी नजरअंदाज किया हुआ था, वह कई साल पुराने चल रहे पीजी में रहने वाले बच्चों की खुद वेरिफिकेशन करवाते समय यह तक कहते सुने जा रहे हैं कि दो दिन पहले ही उनके पीजी में बच्चे रहने आए हैं जिनकी वेरिफिकेशन करवाने के लिए थाने आए हैं। एक कमरे में चार-चार बच्चे

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अगर बात करें मोहाली शहर की तो यहां एक-एक फेज में 100-100 पीजी चल रहे हैं जिसमें 70 फीसद पूरी तरह से अवैध हैं। एक कमरे को चार हिस्सों में बांटकर चार बच्चों के रहने के लिए चार बेड एडजस्ट किए हुए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि एक बेड के साथ एक अलमीरा और विदाउट फूड के तीन हजार से 35 सौ रुपये में प्रति बेड दिया जा रहा है और अगर खाना बीच में चाहिए तो यही कीमत पांच हजार से छह हजार तक वसूली जा रही है। फेज-5, शाहीमाजरा, फेज-1, फेज-11, गांव मटौर, मोहाली गांव, बलौंगी, सेक्टर-70, 68, फेज-3बी2, 3बी1, 3ए व 7 ऐसी जगह हैं जहां बेशुमार गिनती में पीजी धड़ल्ले से चल रहे हैं जिनमें ज्यादातर अवैध हैं। लालच के चलते बच्चों की जिदगी से किया जा रहा खिलवाड़

एक्सट्रा इनकम के लालच में कुछ पीजी मालिक बच्चों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। गांव मटौर, बलौंगी, शाहीमाजरा व मोहाली गांव ऐसी जगह हैं जहां पांच-पांच मंजिला बिल्डिंग बनाकर अवैध पीजी खोले गए हैं। यहां चलने वाले पीजी में कुछ इमारतें ऐसी हैं जिनके नक्शे तक पास नहीं हुए हैं। वहीं, तीन मंजिला इमारत की परमिशन लेकर पांच-पांच मंजिल बिल्डिंग बनाकर 100-100 कमरे बनाए जा रहे हैं। रेजिडेंशियल में कमर्शियल काम खोलकर टैक्स व बिल से बच रहे

हैरानी की बात तो यह है कि शहर में कितने अवैध पीजी चल रहे हैं, इसका रिकॉर्ड खुद प्रशासन के पास नहीं है। रेजिडेंशियल एरिया को कमर्शियल एक्टिविटीज के तहत इस्तेमाल किया जा रहा है और टैक्स व बिल से बचा जा रहा है। जबकि नियम यह कहते हैं कि अगर कोई रेजिडेंशियल एरिया में कमर्शियल गतिविधि करता है तो उसे नियमानुसार टैक्स व बिल भी उसी हिसाब से सरकार को देना जरूरी होता है लेकिन यहां मोटे बिल व टैक्स से बचने के चक्कर में सरकार को चूना लगाया जा रहा है। शहर में कितने अवैध पीजी चल रहे हैं व कितने लोगों की वेरिफिकेशन हुई है जिसके लिए सभी थानों के एसएचओज को सर्वे करने के लिए कह दिया गया है। अवैध पीजी संचालकों व वेरिफिकेशन न करवाने वाले पीजी मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

-हरमन हंस, एसपी, मोहाली


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