इस बार आपकी होली को खास बनाएगी गुजिया, एक माह पहले से ही ट्राईसिटी में चल रही तैयारियां
होली पर स्वाद का रंग चढ़ाने को गुजिया जगह-जगह दिखने लगी है। इसके लिए कोई खास कारीगर बनाता है तो कोई विभिन्न जगहों से इन्हें मंगवाता है।
चंडीगढ़, [शंकर सिंह]। होली पर स्वाद का रंग चढ़ाने को गुजिया जगह-जगह दिखने लगी है। इसके लिए कोई खास कारीगर बनाता है, तो कोई विभिन्न जगहों से इन्हें मंगवाता है। ऐसे ही गोपाल स्वीट्स में इन दिनों मध्य प्रदेश से खास कारीगर गुजिया बनाने ही आए हैं। जो केवल एक प्रकार की नहीं, बल्कि कई तरह की गुजिया बनाते हैं। इन्हीं कारीगरों में से एक राकेश कुमार ने कहा कि गुजिया कई तरह की होती है। ऐसे में लोगों की डिमांड के अनुसार लोग इन्हें बनवाने आते हैं।
सात तरह की गुजिया उपलब्ध
राकेश ने कहा कि अभी हम सात तरह की गुजिया बनाते हैं। जिसमें सिंपल गुजिया,केसर गुजिया, समोसा गुजिया, लौंग लता गुजिया, चॉकलेट गुजिया (व्हाइट और डार्क दोनों में उपलब्ध), चंद्र कला गुजिया और बेक्ड गुजिया शामिल हैं। हमने ये वैराइटी लोगों की डिमांड पर रखी है। कुछ लोग स्वाद के साथ सेहत भी चाहते हैं, तो हम उन्हें बेक्ड गुजिया परोसते हैं। ऐसे ही समोसा गुजिया बाकि गुजिया से अलग और छोटी शेप में होती है। चंद्र कला गुजिया गोल होती है। आकर्षक डिजाइन के लिए फूल के आकार की गुजिया भी बनाई जाती है। इसके अलावा हर राज्य में गुजिया को अलग अलग नामों से भी बुलाया जाता है। जैसे बिहार में ये पिंडुकिया है, तो महाराष्ट्र में इसे करंजी बुलाते हैं।
समय के साथ बदल गई गुजिया भी...
गोपाल स्वीट्स की ओनर भावना सिंह बत्रा ने कहा कि हम गुजिया बनाने की तैयारी एक महीने पहले ही कर लेते हैं। इन दिनों गुजिया की स्टफिंग में बदलाव आया है। जैसे पहले केवल मावे और सूजी की ही गुजिया बनती थी। मगर अब इसमें विभिन्न तरह की स्टफिंग को शामिल किया गया है। जिससे इसकी शेप में भी बहुत बदलाव आया है। हमने एक टीम केवल गुजिया बनाने के लिए ही समर्पित की है, क्योंकि लोग इसे खूब पसंद करते हैं।