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चंडीगढ़ में इस बार का कुछ ऐसा रहेगा मानसून सीजन, बीते 10 वर्षों के ये हैं आंकड़े

मानसून सीजन चार (जून जुलाई अगस्त सितंबर) महीने का होता है। ऐसे में अगर बात चंडीगढ़ की करें तो मानसून सीजन में अगर 846.5 एमएम हो जाती है तो इसे सामान्य मानसून कहा जाता है। इससे ज्यादा बारिश होने पर अच्छा मानसून कहा जाता है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 03:42 PM (IST)
चंडीगढ़ में इस बार का कुछ ऐसा रहेगा मानसून सीजन, बीते 10 वर्षों के ये हैं आंकड़े
चंडीगढ़ में इस बार का कुछ ऐसा रहेगा मानसून सीजन, बीते 10 वर्षों के ये हैं आंकड़े।

चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। मौसम संबंधी पूर्वानुमान बताने वाली संस्था स्काईमेट ने इस बार भी देशभर में दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई है। इसी बाबत चंडीगढ़ मौसम विभाग के वैज्ञानिक शिवेन सिंह ने बताया कि इस भविष्यवाणी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सीजन में शहर में भी मानसून अच्छा रहने वाला है।

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मानसून सीजन चार (जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर) महीने का होता है। ऐसे में अगर बात चंडीगढ़ की करें तो मानसून सीजन में अगर 846.5 एमएम हो जाती है, तो इसे सामान्य मानसून कहा जाता है। इससे ज्यादा बारिश होने पर अच्छा मानसून और इससे कम बारिश होने पर कमजोर मानसून माना जाता है।

पिछले कुछ सालों में मानसून आने की तारीखों को आप देखें, तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि शहर का मानसून कैसा रहा। चंडीगढ़ में मानसून कब पहुंचेगा इसका पूर्वानूमान अभी नहीं लगाया जा सकता है। इस अनुमान मानसून के केरल पहुंचने के बाद ही लगाया जा सकता है। वैसे औसतन देखा जाए तो चंडीगढ़ में मानसून जून के अंतिम सप्ताह या फिर जुलाई के पहले हफ्ते में पहुंचता है।

पिछले आठ सालों में मानसून आने की तारीख

साल -  मानसून की दस्तक

2020            24 जून

2019           5 जुलाई

2018           28 जून

2017           2 जुलाई

2016          2जुलाई

2015          25 जून

2014          1 जुलाई

2013          16 जून

मानसून सीजन में चंडीगढ़ में हुई बारिश का रिकार्ड

साल          कुल बारिश                     कम, ज्यादा

2010         1165.5 एमएम              38 फीसद ज्यादा

2011          772.9 एमएम                 8 फीसद कम

2012          801.5 एमएम                 5 फीसद कम

2013         792.8  एमएम                 6 फीसद कम

2014         599.2  एमएम                29 फीसद कम

2015         548.3 एमएम                 35.5 फीसद कम

2016         456.9  एमएम                45.8 फीसद कम

2017         752.8  एमएम                10 फीसद कम

2018         895.2 एमएम                 18 फीसद ज्यादा

2019         694.4 एमएम                 18 फीसद कम

2020         791.1 एमएम                  7 फीसद कम


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