Move to Jagran APP

बरखा चंडीगढ़ से खुश, हरियाणा व पंजाब से नाराज

पांच साल बाद इस बार शहर में अच्छा मानसून रहा। मानसून सीजन के अभी तीन हफ्ते बाकी हैं, लेकिन लगातार हो रही अच्छी बारिश से मौसम विभाग के चेहरे खिले हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 02:31 PM (IST)
बरखा चंडीगढ़ से खुश, हरियाणा व पंजाब से नाराज
बरखा चंडीगढ़ से खुश, हरियाणा व पंजाब से नाराज

विकास शर्मा, चंडीगढ़ : पांच साल बाद इस बार शहर में अच्छा मानसून रहा। मानसून सीजन के अभी तीन हफ्ते बाकी हैं, लेकिन लगातार हो रही अच्छी बारिश से मौसम विभाग के चेहरे खिले हुए हैं। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि बारिश खुशहाली का प्रतीक है, इसलिए अच्छी बारिश होना अर्थव्यवस्था, कृषि और पर्यावरण के लिए शुभ संकेत है। पहली जून से अब तक चंडीगढ़ में 780.1 एमएम के करीब बारिश हो चुकी है, जोकि अच्छे मानसून का संकेत है। चंडीगढ़ में 844.2 एमएम बारिश हो जाती है, तो इसे अच्छा मानसून माना जाता है। ऐसे में अभी मानसून सक्रिय है और लगातार बारिश हो रही है। उम्मीद है कि इस साल चंडीगढ़ के लिए अच्छा मानसून रहेगा। सिटी में पिछले 5 साल में हुई बारिश का रिकॉर्ड

loksabha election banner

साल बारिश में कमी

2017 11 फीसद

2016 45 फीसद

2015 35 फीसद

2014 30 फीसद

2013 30 फीसद

पंजाब में अब तक 14 फीसद बारिश कम

पंजाब में इस साल भी पिछले सालों की तरह कमजोर मानसून रहने के आसार हैं। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि पंजाब में पहली जून से लेकर अब तक कुल 378.4 एमएम बारिश हुई है, जोकि सामान्य मानसून से 14 फीसद कम है। पॉल ने बताया कि चंडीगढ़ में अगर 480 एमएम बारिश होती है तो उसे अच्छा मानसून माना जाता है। पिछले साल भी मानसून सीजन में भी पंजाब में 21 फीसद बारिश कम हुई थी। हरियाणा में हुई 20 फीसद बारिश कम

हरियाणा में भी मानसून सीजन में कम बारिश हो रही है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि हरियाणा में पहली जून से लेकर अबतक 336.4 एमएम बारिश हुई है, जोकि सामान्य तापमान से 20 फीसद कम बारिश हुई है। पाल ने बताया कि हरियाणा में अगर 465 एमएम बारिश होती है तो उसे अच्छा मानसून माना जाता है। 2017 में भी हरियाणा में 25 फीसद बारिश कम हुई थी। चार साल नहीं सुखेगी सुखना

शहर में अच्छा मानसून रहने से सबसे ज्यादा खुश यूटी प्रशासन का इंजीनिय¨रग और फोरेस्ट डिपार्टमेंट हैं। दरअसल हर साल सुखना सूखने के साथ ही इन डिपार्टमेंट को कोर्ट समेत मीडिया के सवालों को जबाव देना मुश्किल हो जाता है। इस बार सुखना का जलस्तर 1162.8 फीट पहुंच गया है। ऐसे में अगर तीन से चार और अच्छी बारिश हो जाती हैं तो सालों बाद सुखना के रेगुलेटरी एंड पर बने डैम के गेट खोलने पड़ सकते हैं। साथ ही सुखना लेक अगले चार साल तक सूखेगी नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.