प्राइवेट स्कूल-कॉलेज नहीं ले सकेंगे मनमानी फीस, कमीशन रखेगा नजर
शहर के प्राइवेट स्कूल और कॉलेजों में अब मनमानी फीस नहीं वसूली जा सकेगी। यूटी प्रशासन के पास फीस और अन्य फंड को लेकर स्कूल और कॉलेजों की लगातार शिकायतों के बाद अब यूटी प्रशासन ने मामले को लेकर गंभीरता दिखाई है।
डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़: शहर के प्राइवेट स्कूल और कॉलेजों में अब मनमानी फीस नहीं वसूली जा सकेगी। यूटी प्रशासन के पास फीस और अन्य फंड को लेकर स्कूल और कॉलेजों की लगातार शिकायतों के बाद अब यूटी प्रशासन ने मामले को लेकर गंभीरता दिखाई है। जानकारी अनुसार स्कूल और कॉलेजों के फीस और अन्य फंड पर अब यूटी प्रशासन की पूरी नजर रहेगी। प्रशासन ने इसके लिए रेगुलेटरी कमीशन का गठन करने का फैसला लिया है, जिसमें यूटी के शिक्षा सचिव सहित सात अधिकारियों को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि यूटी में 70 से अधिक प्राइवेट और 10 के करीब प्राइवेट कॉलेज हैं। हर साल प्राइवेट स्कूल और कॉलेजों में 20 फीसद तक फीस में इजाफा कर दिया जाता है। जिसे लेकर लगातार विरोध किया जाता है।
जानकारी अनुसार यूटी प्रशासन ने पंजाब रेगुलेशन ऑफ फीस ऑफ अनएडिड एजुकेशनल इंस्टीट्यूट एक्ट 2016 के तहत रेगुलरेटरी कमेटी का गठन किया गया है। सूत्रों के अनुसार कमेटी में यूटी प्रशासन के अधिकारियों के अलावा कुछ नॉमिनेटेड लोग भी हों। जोकि शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ें होंगे। कमेटी में कुछ पेरेंट्स को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। नए एक्ट को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर की नोटिफिकेशन के बाद लागू किया जा रहा है। यह नोटिफिकेशन अप्रैल 2018 में जारी किया गया था। यूटी शिक्षा सचिव के अनुसार नए रेगुलेटरी कमेटी में नॉमिनेटेड लोगों के चयन के बाद काम शुरु कर दिया जाएगा।
ये लोग होंगे रेगुलेटरी कमेटी में
फीस को लेकर गठित की गई कमेटी में यूटी के शिक्षा सचिव बीएल शर्मा चेयरमैन होंगे। इसके अलावा कमेटी में मेंबेर सेक्रेटरी डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन रुबिंदरजीत सिंह बराड़, मेंबर के तौर पर डिप्टी डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन सरोज मित्तल, और जिला शिक्षा अधिकारी अनुजीत कौर शामिल है। नॉमिनेटेड सदस्यों में असिस्टेंट कंट्रोलर फाइनेंस एंड अकाउंट कॉलेज सीमा शर्मा, एनसीईआरटी के पूर्व डायरेक्टर प्रो.कृष्ण कुमार और पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर एजुकेशन डिपार्टमेंट शिव कुमार शर्मा को शामिल किया गया है।
क्या करेगा पैनल
कमेटी स्टूडेंट्स,पेरेंट्स की फीस से जुड़ी सभी शिकायतों को सुनेगा। नजर रखी जाएगी कि कोई भी इंस्टीट्यूट एजुकेशन को कमर्शिलाइज नहीं करे। फीस स्ट्रक्चर नियमों के तहत ही इंस्टीट्यूट लागू कर रहे हों। स्टूडेंट्स से वसूले जाने वाले फंड किसी दूसरी जगह प्रयोग न किए जाएं।
फीस को लेकर नए नियम इस तरहहोंगे
-कोई भी स्कूल 8 फीसद से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेगा।
-नियमों की अनदेखी करने पर दो लाख तक जुर्माना लगेगा।
-स्कूल-कॉलेज किसी तरह के हिडन चार्ज नहीं वसूल सकेंगे।
-सभी स्कूलों को सत्र के शुरू में ही फीस के बारे में जानकारी देनी होगी।
-सत्र के बीच में कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकेगा।
मनमानी ंफीस को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे अभिभावक
शहर के प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर यूटी प्रशासन के पास लगातार अभिभावकों की शिकायतें आती हैं। फीस मामले को लेकर कुछ स्कूलों के अभिभावकों ने हाईकोर्ट में भी केस कर रखा है। सेक्टर-47 स्थित माउंट कार्मल स्कूल के करीब 50 अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। फीस मामले में स्कूल प्रबंधन पर तंग करने का भी आरोप लग चुका है। हाल ही में माउंट कार्मल स्कूल में 9वीं की एक छात्रा ने आत्महत्या तक कर ली थी। ये कहते हैं एजुकेशन सेक्रेटरी
एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की फीस और अन्य फंड की जाच के लिए रेगुलेटरी कमेटी गठित की गई है। यह फैसला पेरेंट्स और स्टूडेंट्स के हकों को ध्यान में रखकर लिया गया है। जल्द ही नॉमिनेटेड सदस्यों का कोरम पूरा होने पर यह कमेटी अपना काम शुरु कर देगी।
-बीएल शर्मा, एजुकेशन सेक्रेटरी चंडीगढ़