मोहाली ट्रैफिक पुलिस ने बताए शहर में कितने ब्लैक स्पाट, इन प्वाइंट्स से संभल कर निकलें वाहन चालक
ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों ने लोगों को बताया कि सड़क हादसे के दौरन इमरजेंसी में कैसे घायल की मदद की जा सकती है। लोगों को वाहन सही ढंग से पार्क करने ब्लैक स्पॉट क्रासिंग करते समय ध्यान रखना आदि जरूरी नियमों के बारे में बताया गया।
जागरण संवाददाता, जीरकपुर। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। ट्रैफिक नियमों के प्रति अवेयर करने के लिए जीरकपुर ट्रैफिक पुलिस ने एक विशेष कैंप लगाया। इस कैंप में स्थानीय लोग, ऑटो यूनियन, जीप यूनियन व दुकानदारों ने भाग लिया। यह कैंप नवजोत सिंह माहल एसएसपी मोहाली, गुरजोत सिंह कलेर एसपी ट्रैफिक के आदेशों पर जिला ट्रैफिक एजुकेशन सेल मोहाली के इंचार्ज जनक राज और जीरकपुर इंचार्ज नरिंदर सूद की अगआई में लगाया गया। इसमें ऑटो यूनियन, जीप यूनियन, दुकानदारों व आम लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक किया गया।
ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों ने लोगों को बताया कि सड़क हादसे के दौरन इमरजेंसी में कैसे घायल की मदद की जा सकती है। लोगों को वाहन सही ढंग से पार्क करने, ब्लैक स्पॉट, क्रासिंग करते समय ध्यान रखना आदि जरूरी नियमों के बारे में बताया गया। कैंप में विशेष तौर पर पहुंचे ट्रैफिक सेफ्टी इंजीनियर चरनजीत सिंह ने बताया कि रोड ऐक्सीडेंट डाटा बेस मैनेजमेंट द्वारा पूरे जिले में 98 प्वाइंट्स को ब्लैक स्पॉट के तौर पर चिहिन्त किए गए थे, जिसमें से कुछ प्वाइंट्स को ठीक कर दिया गया है। जीरकपुर के मैकडी चौक, भंखरपुर के गुरुद्वारे के सामने और लालड़ू के आइटीआइ चौक को सबसे ज्यादा खतरनाक क्रांसिग बताया गया। ऐसे में इन प्वाइंट्स से गुजरने वाले वाहन चालकों को ध्यान रखने की जरूरत है।
जनक राज ने बताया की मोहाली जिले का ट्रैफिक विंग अपने आप में एक पहला रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर है जिसमें सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए आर्टिफिशल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। सड़क हादसों को रोकने के लिए जांच को मजबूती प्रदान करने के लिए पंजाब पुलिस द्वारा क्रैश इंवेस्टिगेशन व्हीकल विंग भी बनाया गया है।
वहीं जीरकपुर इंचार्ज नरिंदर सूद ने लोगों को बताया कि सड़क हादसे के समय हमें घबराना नही चाहिए बल्कि मजबूत हौसले से उस मुसीबत की घड़ी में काम करना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि रास्ते में आपको कोई ऐक्सीडेंट दिखाई दे तो उस घायल की इंसानियत के तौर मदद जरूर करें। क्योंकि यदि किसी घायल को समय पर एंबुलेंस या प्राइवेट व्हीकल की मदद से अस्पताल पहुंचाया जा सके तो उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने टीम की मदद से लोगों को बताया कि कैसे सबसे पहले घायल को फर्स्टएड देते हुए अस्पताल पहुंचाना चाहिए। किसी घायल के दिल को कैसे पंप करना है या उसे कैसे एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाना है और कैसे हिम्मत देनी है। क्योंकि हिम्मत किसी भी घायल या मरीज के लिए सबसे बड़ा जीवनदान साबित होता है।