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Mohali के मेयर को मिले F&CC के सभी अधिकार, अब 1 करोड़ तक के टेंडर को मंजूरी दे सकेगी कमेटी

मोहाली निगम की फाइनेंस व कांट्रेक्ट कमेटी के सभी अधिकार मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू को दे दिए गए हैं। अब सिद्धू ये तय करेंगे कि कमेटी के सदस्य कौन-कौन होंगे। कमेटी को अब 25 लाख रुपये तक के टेंडर मंजूर करने का अधिकार भी दिया गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 03:09 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 03:09 PM (IST)
Mohali के मेयर को मिले F&CC के सभी अधिकार, अब 1 करोड़ तक के टेंडर को मंजूरी दे सकेगी कमेटी
मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह सिद्धू जीती की फाइल फोटो।

मोहाली, जेएनएन। मोहाली नगर निगम की हाउस की पहली बैठक में फाइनेंस व कांट्रेक्ट कमेटी के सभी अधिकार मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू को दे दिए गए हैं। अब सिद्धू ये तय करेंगे कि कमेटी के सदस्य कौन-कौन होंगे। कमेटी को पहले 25 लाख रुपये तक के टेंडर मंजूर करने का अधिकार था, अब इसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हाउस की परंपरा के अनुसार चुने गए पार्षदों में से ही दो सदस्यों का चयन किया जाना है।

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उधर, विपक्ष ने कहा कि फाइनेंस व कांट्रेक्ट कमेटी के काम में पारदर्शिता रहे, इसलिए ये जरूरी है कि विपक्षी पार्षदों को कमेटी का सदस्य बनाया जाए। दूसरी ओर कमेटी का सदस्य बनने के लिए कांग्रेस खेमे में भी जोड़तोड़ शुरू हो गई है। ये कमेटी नगर निगम में सबसे अहम होती है। इसलिए इसमें अपने नजदीकी व्यक्तियों को ही शामिल किया जाता है। पहली बैठक में सिर्फ दो एजेंडे ही रखे गए थे। एक एफएंडसीसी और दूसरा मेयर की आज्ञा से कोई एजेंडा डाला जा सकता है। बैठक पूरी तरह से जान-पहचान तक ही सीमित रही। एक नंबर एजेंडा एफएंडसीसी को लेकर है।

एफएंडसीसी में होते हैं छह सदस्य

एफएंडसीसी में 6 सदस्य होते हैं जिनमें मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर और कमिश्नर नगर निगम और दो अन्य सदस्य शामिल किए जाते हैं। चार सदस्य तो कमेटी के मौजूद हैं, इनमें से तीन का चुनाव पिछले दिनों कर लिया गया था। अब दो अन्य सदस्य चुने जाने है। ये सदस्य सतापक्ष के पार्षदों में से ही मेयर कमेटी में शामिल करेंगे। ध्यान रहे कि एफएंडसीसी के पास 25 लाख तक के टेंडर को मंजूरी देने का अधिकार होता है। पहले यह अधिकार 15 लाख तक का था, इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया था। इस कमेटी की ओर से पास टेंडर्स को आगे हाउस से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती बल्कि सीधे सरकार के पास भेजे जाते है। चूंकि ये कमेटी हाउस की ओर से बनाई जाती है, इसलिए इसका हर प्रस्ताव हाउस की ओर से पारित माना जाता है। अगर सरकार चाहे तो इसे रोक सकती है। एफएंडसीसी में पास विकास कार्यों के टेंडर लगा दिए जाते हैं।


 


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