एनएच में आ रही जमीन का किसानों ने प्रति एकड़ 4.22 करोड़ मुआवजा मांगा, मोहाली आइटी सिटी चौक से कुराली तक होगा भूमि अधिग्रहण
मोहाली के करीब आठ गांव के जमीन मालिकों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि एक्वायर की जाने वाली उनकी जमीन का मुआवजा मार्केट रेट के हिसाब से दिया जाए। जमीन मालिक प्रति एकड़ 4 करोड़ 22 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मोहाली। नेशनल हाईवे-205 के तहत मोहाली के आइटी सिटी चौक से कुराली तक बनाए जा रहे नेशनल हाईवे के लिए एक्वायर की जाने जमीन के मुआवजे का मामला गरमा गया है। मोहाली के करीब आठ गांव के जमीन मालिकों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि एक्वायर की जाने वाली उनकी जमीन का मुआवजा मार्केट रेट के हिसाब से दिया जाए। जमीन मालिक प्रति एकड़ 4 करोड़ 22 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। किसान ने पक्का संघर्ष शुरू करने की बात भी कही है।
किसानों ने कहा कि वे इस मामले को लेकर अदालत तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे। नेशनल हाईवे- 205 की सड़क के लिए गांव नगारी, गीगेमाजरा, गुडाणा, ढेलपुर, गोबिदंगढ़, चडियाला सूंदा और गिदड़पुर समेत कई गांवों की जमीन एक्वायर की जा रही है। किसान नेता रणबीर सिंह ग्रेवाल ने बताया कि डीसी मोहाली ईशा कालिया के साथ बैठक में किसानों ने अपना पक्ष रख दिया है। मोहाली तहसील के इन गांवों की जमीन एक्वायर करते समय इस बात को ध्यान में रखा जाए कि मोहाली में पंजाब शहरी विकास अथॉरिटी (पुडा) जमीन एक्वायर करते समय किसानों को लैंड पूलिंग ऑप्शन देता है। इसके तहत किसानों को एक शोरूम और एक रिहायशी प्लॉट दिया जाता है, जिसकी मार्केट में कीमत 10 से 12 करोड़ रुपये बन जाती है।
उपायुक्त के साथ मीटिंग में किसानों ने कि वह 12 करोड़ रुपये से नीचे और 4 करोड़ 22 लाख रुपये प्रति एकड़ कीमत से ऊपर ही अपनी जमीन देंगे। इससे कम कीमत किसी भी सूरत में पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। जमीन के लिए नई अवार्ड धारा- 28/7 बनाई गई है। किसानों की पांच सदस्यों की कमेटी बनाकर किसानों से सलाह करके अवार्ड बनाए जाएं। किसान नेताओं ने बताया कि उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे के साथ तालमेल जारी किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पंजाब के नेताओं से मिलकर मुआवजे के लिए रणनीति बनाई जाएगी। सुरिंदर सिंह गोबिंदगढ़, दर्शन सिंह नगारी, जरनैल सिंह, हरबंस सिंह गीगेमजार, मनप्रीत सिंह, हरविंदरद सिंह, भगवानि सिंह, बेअंत सिंह, हरविंदर सिंह, काका सिंह, बलजिंदर सिंह आदि किसानों ने कहा कि जमीनों का उचित मुआजवा मिलना चाहिए।