रिश्वत मामले में गमाडा के सीनियर असिस्टेंट को कोर्ट ने सुनाई चार साल कैद की सजा
50 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में विजिलेंस की ओर से दर्ज केस में नामजद गमाडा के सीनियर असिस्टेंट किरनपाल कटारिया के मामले की वीरवार को स्थानीय अदालत में सुनवाई हुई।
जेएनएन, मोहाली। 50 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में विजिलेंस की ओर से दर्ज केस में नामजद गमाडा के सीनियर असिस्टेंट किरनपाल कटारिया के मामले की वीरवार को स्थानीय अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने बचाव पक्ष व सरकारी दलीले सुनने के बाद किरनपाल कटारिया को दोषी ठहराया। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज मोनिका गोयल ने कटारिया को धारा -7 में तीन साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना के अलावा व धारा 13(2) में चार साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
एरोसिटी प्रोजेक्ट के लिए जमीन एक्वायर करने के मामले में गई थी रिश्वतखोरी गमाडा की ओर से एरोसिटी प्रोजेक्ट के लिए गांव नारायणगढ़ झुगियां में जमीन एक्वायर की थी, जिस में शिकायतकर्ता कर्म सिंह की जमीन भी एक्वायर हुई थी। इस उपरांत लैंड पुलिंग स्कीम के तहत ऐरोसिटी में प्लाट लेने के लिए शिकायतकर्ता कर्म सिंह सहित अन्य किसानों की ओर से अपने-अपने सहमति पत्र गमाडा को दिए गए थे। इसके तहत गमाडा की तरफ से जमीन के मालिकों को 500 वर्ग गज के रिहायशी व 60 वर्ग गज के कमर्शियल प्लाट देने थे।
शिकायतकर्ता से की थी दो लाख रुपये रिश्वत की मांग
इस केस संबंधी फाइल किरनपाल सिंह के पास थी। उसने शिकायतकर्ता कर्म सिंह को काम जल्द कराने के बदले दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की। मगर सौदा एक लाख 50 हजार रुपये में तय हुआ। पहली किश्त के रूप में आरोपित किरनपाल सिंह ने 50 हजार रुपये मांगे। जैसे ही आरोपित किरनपाल सिंह ने पहली किश्त हासिल की विजिलेंस ने ट्रैप लगाकर दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में उसे पकड़ लिया।
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