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मोहाली में जानलेवा हुआ कोरोना, 10 दिन में 35 लोगों की संक्रमण से मौत, ओमिक्रोन का एक भी केस नहीं

Mohali Corona Update कोरोना की तीसरी लहर थमने तो लगी है लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट ने रोजाना टेस्टिंग बढ़ाने का फैसला लिया है। विभाग की ओर से सैंपलिंग लेने के साथ ही टेस्टिंग 4500 से 5000 तक रोजाना की जा रही है। अब इसे और बढ़ाया जाएगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 02:14 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 02:14 PM (IST)
मोहाली में जानलेवा हुआ कोरोना, 10 दिन में 35 लोगों की संक्रमण से मौत, ओमिक्रोन का एक भी केस नहीं
मोहाली में इस समय आठ हजार के करीब एक्टिव केस हैं।

जागरण संवाददाता, मोहाली। Mohali Corona Update: मोहाली जिले में कोरोना की तीसरी लहर में अब कोविड के मामले कम होने लगे हैं, लेकिन सेहत विभाग की तरफ से अभी भी सतर्कता बरतने के लिए कहा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले दस दिनों में कोरोना से 35 लोगों की मौत हो चुकी है। जोकि स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। ट्राईसिटी में सबसे ज्यादा मौतें मोहाली में हुई है।

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कोरोना की तीसरी लहर थमने तो लगी है लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट ने रोजाना टेस्टिंग बढ़ाने का फैसला लिया है। विभाग की ओर से सैंपलिंग लेने के साथ ही टेस्टिंग 4500 से 5000 तक रोजाना की जा रही है। अब इसे और बढ़ाया जाएगा, जिससे संक्रमित लोगों की समय से पहचान करके उनका इलाज शुरू किया जा सके।

16 लाख लोगों को लगी कोरोना वैक्सीन

मोहाली जिले में अभी तक 16 लाख लोगों का टीकाकरण हो चुका है। इनमें 10 लाख लोगों ने पहली डोज और 6 लाख लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है। तीन हजार फ्रंट लाइन वर्कर्स अभी तक कोरोना टीकाकरण की बूस्टर डोज लगवा चुके हैं। 15 से 18 साल के 18 हजार किशोरों का टीकाकरण हो चुका है। जिले में इस समय आठ हजार के करीब एक्टिव केस हैं। लेकिन अधिकतर मरीजों का उनके घरों में ही इलाज चल रहा है। घरों में आइसोलेशन पर चल रहे हैं प्रशासन की ओर से खुद फोन करके उनका हालचाल जाना जा रहा है। अगर उन्हें कोई दिक्कत आ रही है तो इसको दूर करने की कोशिश की जाती है।

ओमिक्रोन से मोहाली सेफ, एक भी मामला नहीं

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का जिले में अभी तक एक भी केस सामने नहीं आया है। प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक अगर कोरोना के केस बढ़ते हैं तो ऐसे में अस्पतालों में बेड से लेकर ऑक्सीजन तक की कमी न आए, इसके लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। सरकारी अस्पतालों में पूरी सुविधाएं दी गई हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों से रोजाना पूछा जाता है कि उनके यहां कितने मरीज हैं। लेवल-2 या लेवल-2 विद वेंटीलेटर वाले कितने मरीज हैं। जिससे पूरी स्थिति पर नजर रखी जा सके। यहां तक कि सरकारी अस्पताल में 10-12 लोग भर्ती होंगे।


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