मिसयूज-वॉयलेशन पेनाल्टी का मामला तीन माह लटका, अब जून में ही राहत की उम्मीद
प्रशासन ने मिसयूज वॉयलेशन पेनाल्टी के लिए जो नया ड्राफ्ट तैयार किया था वह भी अब कागज बनकर रह गया। आचार संहिता लगने के बाद अब तीन महीने तक कुछ नहीं हो सकता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मिसयूज और वॉयलेशन पर लगने वाली पेनाल्टी और नोटिस झेलने से अभी राहत नहीं मिलने वाली है। प्रशासन ने मिसयूज वॉयलेशन पेनाल्टी के लिए जो नया ड्राफ्ट तैयार किया था, वह भी अब कागज बनकर रह गया। साथ ही, चुनाव आचार संहिता लगने के बाद तो अब तीन महीने तक उसकी नोटिफिकेशन का सवाल ही नहीं उठता। बावजूद इसके कि इस पर व्यापारियों और शहरवासियों से सुझाव और शिकायतें तक ली जा चुकी हैं।
यह ड्राफ्ट फाइनल नहीं होने का एक कारण यह भी है कि प्रशासन ने पेनाल्टी का जो फॉर्मूला कलेक्टर रेट के हिसाब से बनाया है, वह भी लोगों को पंसद नहीं आ रहा। कुछ एरिया में कलेक्टर रेट कम होने से लोगों को पहले तय रेट से कुछ कम पेनल्टी लगेगी। वहीं, जो ज्यादा कलेक्टर रेट वाले जोन में पड़ते हैं, वहां यह पहले के रेट से भी ज्यादा हो जाता है। पहले मिसयूज वॉयलेशन पर प्रशासन ने 500 रुपये फीट पेनाल्टी तय कर रखी है। इसका विरोध होने पर मामला हाईकोर्ट तक गया। जिसके बाद इस पर रोक लग गई। अब मिसयूज वॉयलेशन पर कलेक्टर रेट का .075 प्रतिशत पेनाल्टी लगाई गई है। हालांकि कई एरिया में यह 500 रुपये से कम बन रही है। लेकिन कुछ एरिया में इससे भी ज्यादा है। जिस कारण इसके विरोध को देखते हुए प्रशासन ने इसे चुनाव के बाद तक टाल दिया। अब इस पर जून में ही कुछ हो सकता है।
पार्किंग पॉलिसी भी लटकी
शहर में वाहनों के कंजेशन को देखते हुए बढ़ती समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने पार्किंग पॉलिसी का रिड्राफ्ट तैयार किया था। इस रिड्राफ्ट पर सभी डिपार्टमेंट से सुझाव और आपत्तियां मांगी थी। इनसे सुझाव और आपत्तियां लेने के बाद भी प्रशासन ने इस पर आगे कुछ नहीं किया। जबकि डिपार्टमेंट के सुझावों और शिकायतों को देखते हुए इसमें बदलाव कर लोगों से सुझाव लिए जाने थे। लेकिन आचार संहिता और चुनाव को देखते हुए अब तीन महीने तक इस पर भी कोई काम नहीं होगा। पार्किंग पॉलिसी का रीड्राफ्ट भी फंसा रह गया है। इससे पहले जुलाई 2017 में इसका ड्राफ्ट तैयार किया था। लेकिन लोगों का गुस्सा देखते हुए इसको रिड्राफ्ट करना पड़ा था।