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IAS के बेटे मुल्तानी की गुमशुदगी मामला, कम नहीं हो रही पूर्व DGP सुमेध सिंह सैनी की मुश्किलें

पूर्व आइएएस अफसर के बेटे मुल्तानी की गुमशुदगी मामले में चश्मदीद सामने आई है। अब मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 08:16 AM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 08:16 AM (IST)
IAS के बेटे मुल्तानी की गुमशुदगी मामला, कम नहीं हो रही पूर्व DGP सुमेध सिंह सैनी की मुश्किलें
IAS के बेटे मुल्तानी की गुमशुदगी मामला, कम नहीं हो रही पूर्व DGP सुमेध सिंह सैनी की मुश्किलें

जेएनएन, चंडीगढ़। साल 1991 में लापता हुए आइएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी गुमशुदगी मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंंह सैनी को अग्रिम जमानत तो मिल गई है, लेकिन उनकी परेशानी फिर भी कम नहीं हो रही। अब उनके खिलाफ एक महिला सामने आई है, जो खुद को मामले का चश्मदीद बता रही हैंं। 

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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की एडवोकेट गुरशरण कौर मान का कहना है कि उन्होंने 13 दिसंबर, 1991 की सुबह सेक्टर 17 के थाने में स्वयं बलवंत सिंह मुल्तानी को देखा था जब वह पुलिस टॉर्चर के बाद इतनी बुरी हालत में था कि दो कदम भी नहीं चल पा रहा था। ऐसे में उसके फरार होने का सवाल ही नहीं उठता।

मोहाली अदालत में गत दिवस पेश हुई एडवोकेट ने कहा कि 1991 में चंडीगढ़ में हुए एक आतंकी हमले की जांच के दौरान पुलिस ने बलवंत मुल्तानी को दिसंबर में उसके घर से हिरासत में लिया था। बलवंत की उनके पति प्रताप सिंह मान से दोस्ती थी तो पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। चंडीगढ़ के तत्कालीन एसएसपी सुमेध सिंह सैनी के आदेश पर पुलिस ने दोनों को सेक्टर 11 और सेक्टर 17 के थानों में बुरी तरह टॉर्चर किया था।

मान ने कहा है कि 12 दिसंबर को सेक्टर 17 के थाने में सैनी ने उनके सामने बलवंत सिंह को बुरी तरह से पीटा जिसमें उसकी आंख तक बाहर निकल गई थी। अगले दिन सुबह बलवंत को अचेत अवस्था में देखा था। तब उसकी हालत काफी खराब हो चुकी थी। पुलिस ने दोनों को छह दिन हिरासत में रखने के बाद आतंकी हमले में संलिप्तता के आरोप लगाकर अदालत में सिर्फ उनके पति को पेश किया, बलवंत के बारे में कहा कि वह हिरासत से फरार हो गया है।

इस मामले में उन पर टाडा लगाया गया था, परंतु पुलिस को जब चालान पेश करने में 14 साल का समय लग गया तो अदालत ने उनके पति को टाडा से बरी किया। इस मामले में करीब तीन महीने बाद जब उनके पति प्रताप सिंह को जमानत मिली तो पुलिस ने उन्हें जेल से निकलते ही दोबारा एक फर्जी मामले में गिरफ्तार कर लिया। उस दिन सैनी ने उनके पति को उनके सामने चेतावनी दी थी कि अगर वो जिंदा रहना चाहते हैं तो जेल में ही रहे। सैनी ने उनके पति को धमकी देते हुए खुद कहा था कि उन्होंने आइएएस के पुत्र बलवंत को मार दिया है।

गौरतलब है कि मान ने इससे पहले सीबीआइ को भी सैनी के खिलाफ बयान दिए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सैनी के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज कर दिया था। मान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर वह फैसला दिया था और दोबारा कानूनी प्रक्रिया आरंभ करने की स्वीकृति दी थी। मान ने दावा किया कि सैनी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उम्मीद है कि इस बार उन्हें इंसाफ मिलेगा। मान ने कहा कि इस झूठे मामले में फंसाए जाने के बाद उनके पति डिप्रेशन में आने के बाद अमेरिका में जा बसे।


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