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मिस इंडिया नहीं, पढ़ाई मेरे लिए जरूरी थी..

जब तक मैंने मॉड¨लग के बारे में नहीं सोचा था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 07:25 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 07:25 PM (IST)
मिस इंडिया नहीं, पढ़ाई मेरे लिए जरूरी थी..
मिस इंडिया नहीं, पढ़ाई मेरे लिए जरूरी थी..

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : गवर्नमेंट कॉलेज फॉर ग‌र्ल्स, पटियाला। ये मेरा स्थायी पता था, जब तक मैंने मॉड¨लग के बारे में नहीं सोचा था। जैसे ही मॉड¨लग में कदम रखे, तो मिस इंडिया के शेशे को अपने कंधों से लेकर कमर तक में पहना पाया। मगर मिस इंडिया को पा लेना मेरे लिए काफी नहीं था। उन दिनों मेरे दिल में कई तरह के विचार आते थे। मेरी पढ़ाई, जो उस वक्त तक सेकेंड ईयर तक ही हुई थी, बीच में ही कहीं रुक गई। मैंने एक अहम टाइटल तो जीता, मगर क्या इस एक टाइटल की वजह से मुझे पढ़ाई के क्षेत्र में रुक जाना था। ये विचार मेरे मन में आता, तो मैं दोबारा खुद को वही एक लड़की के रूप में देखती। जिसे पढ़ने का भरपूर शौक था। ऐसे में मैंने अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू की और इसे पूरा करके ही अपना करियर फिर मॉड¨लग और एक्टिंग में बढ़ाया। एक्ट्रेस गुल पनाग ने कुछ इन्हीं शब्दों में पढ़ाई की अहमियत पर बात की। शनिवार को वे होटल जेडब्ल्यू मैरियट-35 में यूपीईएस के स्टूडेंट्स से बातचीत करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज के समय में हम अपने आसपास बहुत बदलाव देख रहे हैं। ऐसे में ये पहली बात हमें समझनी चाहिए कि वक्त के साथ खुद को अपग्रेड करना जरूरी है, चाहे वो एजुकेशन में भी क्यों न हो। लैंडलाइन की तरह जमाना बदल जाएगा

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गुल ने कहा कि शिक्षा का मतलब केवल एक नौकरी ढूंढ़ना नहीं होता। वो नए समय में नई जरूरतों को पूरा करने की भी एक कोशिश होती है। जैसे हमारे समय में लैंडलाइन फोन थे। अब वो कहां है? उस समय एमटीएनएल और बीएसएनएल ही होते थे, मगर उन्होंने कभी शायद आगे का नहीं सोचा। ऐसे में इन दिनों प्राइवेट मोबाइल और सर्विस प्रोवाइडर आए और हर हाथ में मोबाइल है। हमें भी ऐसे ही खुद को अपग्रेड करना होगा, नहीं तो हम भी एक दिन गुजरे हुए जमाने के कहलाए जाएंगे। अभी भी पढ़ रही हूं

गुल ने कहा कि हमारे समाज में पढ़ाई को केवल नौकरी तक ही सीमित रखा जाता है। जबकि पढ़ना हमें नई चीजें भी सिखाता है। ऐसे में हमें निरंतर खुद को पढ़ाई में व्यस्त रखना चाहिए। मैं अभी भी एक डिग्री ले रही हूं। मैंने अपने एक्टिंग करियर के दौैरान ही पॉलिटिकल साइंस में एमए पूरी की। इसके बाद मैंने फ्लाइंग कोर्स भी किया। इसमें पास होने के लिए 70 प्रतिशत मा‌र्क्स जरूरी थे, फिर भी मैंने इसे पूरा किया। दरअसल, जब हम सोचते हैं कि हमें सब कुछ आता है, तो हमें एक किताब उठा लेनी चाहिए। स्टूडेंट्स को जरूर जुड़ना चाहिए पॉलिटिक्स से

गुल ने कहा कि स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स हमारी डेमोक्रेसी का एक अभिन्न अंग है। इससे हमारे स्टूडेंट्स भविष्य में लीडर बनने के लिए तैयार होते हैं। मगर इसमें बाहर की राजनीतिक पार्टी का आना बुरा है। हमारे युवाओं को राजनीति सीखने के लिए एक बार तो जरूर स्टूडेंट पॉलिटिक्स से जुड़ना ही चाहिए। फिलहाल तो निहाल के साथ ही व्यस्त हूं, राजनीति अभी नहीं

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़े सवाल पर गुल ने कहा कि वो अभी इस पर कुछ नहीं सोच रही। दरअसल, इन दिनों मेरा पूरा ध्यान अपने बेटे निहाल के साथ लगा हुआ है। हां, जो इलेक्शन में खड़े हो रहे हैं, उन्हें जरूर ऑल द बेस्ट कहूंगी।


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