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खनन विभाग के अधिकारी बता बिल्डर से वसूलते थे गुंडा टैक्स, पांच धरे

जीरकपुर-अंबाला रोड पर गमाडा अप्रूव्ड प्रोजेक्ट से निकल रही फालतू मिट्टी को अपनी ही जगह पर डंप करने के एवज में प्रोजेक्ट मालिकों से माइनिंग आफिसर बता पर्ची काटने का डर दिखा गुंडा टैक्स वसूलने वाले पांच लोगों पुलिस ने धरा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 08:30 PM (IST)
खनन विभाग के अधिकारी बता बिल्डर से वसूलते थे गुंडा टैक्स, पांच धरे
खनन विभाग के अधिकारी बता बिल्डर से वसूलते थे गुंडा टैक्स, पांच धरे

जागरण संवाददाता, जीरकपुर : जीरकपुर-अंबाला रोड पर गमाडा अप्रूव्ड प्रोजेक्ट से निकल रही फालतू मिट्टी को अपनी ही जगह पर डंप करने के एवज में प्रोजेक्ट मालिकों से माइनिंग आफिसर बता पर्ची काटने का डर दिखा गुंडा टैक्स वसूलने वाले पांच लोगों पुलिस ने धरा है। आरोपितों की पहचान मंगू निवासी गांव गारदी शंभु जिला पटियाला, रमन कुमार निवासी गांव पड़ियाला, राजीव कुमार गांव मछली कलां, नरिदर सिंह निवासी गांव रैबेवाल जिला होशियारपुर व मनोज कुमार निवासी गांव मछलिकलां खरड़ के रूप में हुई है। उक्त आरोपितों के खिलाफ दलजीत सिंह निवासी 302 ब्लाक बी बाला जी टावर किशनपुरा ढकोली की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपितों को डेराबस्सी कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 

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एसएचओ ओंकार सिंह बराड़ ने बताया कि शिकायतकर्ता दलजीत सिंह ने शिकायत में बताया था कि वह जीरकपुर-अंबाला रोड पर रायल एस्टेट ग्रुप जीरकपुर में बतौर डायरेक्टर हैं। उन्होंने बताया कि आफिस एनके शर्मा के दफ्तर के सामने आक्सफोर्ड के नाम से प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। जोकि गमाडा अप्रूव्ड है और उन्होंने विभाग से इस सबंधी अनुमति ली हुई है।  उनके अनुसार प्रोजेक्ट से जो फालतू मिट्टी निकलती है उसे वह अपनी ही जगह पर डंप कर रहे थे। उक्त लोग उन्हें माइनिग विभाग के अधिकारी बताकर डराते और उनसे एक दिन के 17 हजार रुपये पर्ची काटने के वसूल रहे थे। 12 जनवरी से 1. 36 लाख रुपये वसूल चुके हैं। शक होने पर इसकी शिकायत थाना जीरकपुर में दी थी । मंगलवार को जब उक्त लोग फिर से पर्ची काटने के लिए प्रोजेक्ट पर पहुंचे तो पहले से ट्रैप लगाकर बैठी पुलिस ने दबोच लिया। आरोपितों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि उक्त लोग पहले माइनिग माफिया के साथ मिलकर काम करते थे, जिन्हें माइनिग विभाग के कामकाज की नालेज थी, उसे अब बिल्डरों को ठगने में इस्तेमाल कर रहे थे।


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