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निर्माण और रखरखाव पर करोड़ों खर्च, फिर भी खाली रहते हैं कम्युनिटी सेंटर Chandigarh News

साल 2018 में शहर के 12 कम्युनिटी सेंटर ऐसे रहे जहां पर एक भी कार्यक्रम नहीं हुआ। जबकि 2019 में (31 जुलाई) तक आठ कम्युनिटी सेंटरों में एक भी बुकिंग नहीं हुई।

By Edited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 04:39 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 11:15 AM (IST)
निर्माण और रखरखाव पर करोड़ों खर्च, फिर भी खाली रहते हैं कम्युनिटी सेंटर Chandigarh News
निर्माण और रखरखाव पर करोड़ों खर्च, फिर भी खाली रहते हैं कम्युनिटी सेंटर Chandigarh News
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। नगर निगम ने शहर में करोड़ों रुपये खर्च कर कम्युनिटी सेंटरों का निर्माण किया जिनके रखरखाव पर हर साल लाखों रुपये का खर्चा आ रहा है। लेकिन यहां पर कार्यक्रम करवाने का शहरवासियों में ज्यादा क्रेज नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि साल 2018 में शहर के 12 कम्युनिटी सेंटर ऐसे रहे जहां पर एक भी कार्यक्रम नहीं हुआ। जबकि 2019 में (31 जुलाई) तक आठ कम्युनिटी सेंटरों में एक भी बुकिंग नहीं हुई। शहर में 47 कम्युनिटी सेंटर प्राइम लोकेशन पर बने हुए हैं।

मालूम हो कि कम्युनिटी सेंटर लोगों को विवाह समारोह, निजी कार्यक्रम, बर्थ डे पार्टी के लिए दिए जाते हैं। ऐसे में अधिकतर कम्युनिटी सेंटरों का प्रयोग न होने और काफी कम बुकिंग होने पर इनके निर्माण पर भी सवाल उठने लग गए हैं। जबकि वार्ड पार्षद और कई एसोसिएशन अपने-अपने एरिया में नए कम्युनिटी सेंटरों का निर्माण करने की मांग कर रहे हैं। कई कामों के लिए नहीं लगता पैसा नगर निगम के आकड़ों के अनुसार सेक्टर-16 के कम्युनिटी सेंटर की 2018 में सिर्फ 54 दिन बुकिंग हुई। 2019 में अब तक सिर्फ 17 दिन बु¨कग हुई।

रक्तदान शिविर, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, रस्म क्रिया और अन्य सामाजिक कार्यक्रम करने के लिए शहरवासियों को नि:शुल्क कम्युनिटी सेंटरों की बु¨कग भी दी जाती है। सेक्टर-45 में 10 माह बंद रहा सेंटर सेक्टर-45 का कम्युनिटी सेंटर साल 2018 में 10 माह के लिए बंद रहा। यहां पर सिर्फ 58 दिन ही कार्यक्रम हुए। इसी तरह सेक्टर-19, 21, 27 और 29 का कम्युनिटी सेंटर पूरे साल में अधिकतर खाली ही रहा। नगर निगम ने पिछले साल ही कम्युनिटी सेंटरों की बुकिंग का रेट बढ़ाया है। सेक्टर-19 के कम्युनिटी सेंटर में नहीं मिलती बु¨कग की मंजूरी सेक्टर-19 के कम्युनिटी सेंटर की रात को शादी-विवाह करने के लिए साउंड मंजूरी ही नहीं मिलती है। डीसी और पुलिस की ओर से इसकी मंजूरी इसलिए नहीं दी जाती है क्योंकि इसके आसपास वीआइपी एरिया है। जबकि इस कम्युनिटी सेंटर के निर्माण पर करोड़ों रुपये का खर्चा किया गया है।

गवर्निंग बॉडी चलाएगी कम्युनिटी सेंटर
नगर निगम ने यह तय किया हुआ है कि कम्युनिटी सेंटर के सदस्य गवर्निग बॉडी का निर्माण करेंगे। यह कमेटी ही कम्युनिटी सेंटर चलाएगी लेकिन अधिकतर कम्युनिटी सेंटरों में यह कमेटी गायब है। अभी तक गवर्निग बॉडी का गठन नहीं हुआ है। जबकि बायलॉज के अनुसार कमेटी का चेयरमैन वार्ड पार्षद होगा। क मेटी के गठन के लिए कम्युनिटी सेंटर के 50 सदस्य बनने चाहिए। सदस्य बनने के लिए एक हजार रुपये का शुल्क लिया जाता है। बायलॉज के अनुसार कम्युनिटी सेंटर की बुकिंग की आधा राशि कार्यकारी कमेटी के खाते में जाएगी ताकि कमेटी कम्युनिटी सेंटर का रखरखाव कर सके। इसके बावजूद कई सेंटरों में यह कमेटी नहीं बनी है।

जिम में ट्रेनर नहीं फिर क्यों ले लोग सदस्यता
भाजपा पार्षद रवि शर्मा का कहना है कि कम्युनिटी सेंटरों में लाखों रुपये खर्च करके जिम बनाए गए लेकिन अब वह बंद पड़े हैं। क्योंकि जिम बिना ट्रेनर के नहीं चल सकते। उनके सेक्टर-22 के कम्युनिटी सेंटर का यही हाल है। कम्युनिटी सेंटरों में जिम के अलावा कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में लोग कम्युनिटी सेंटर की सदस्यता क्यों लें। सेक्टर-38 के महिला भवन में जिम बनाया गया लेकिन वहां पर भी ट्रेनर नहीं है। मालूम हो कि जिम पर पिछले पांच साल में नगर निगम दो करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा कर चुका है। धनास का जिम भी पिछले तीन साल से बंद पड़ा है। शहर के कई कम्युनिटी सेंटरो में लाइब्रेरी बनी हुई हैं लेकिन उनका भी प्रयोग नहीं है। क्योंकि वहां पर कोई भी अपडेट किताबें नहीं हैं।

एमसी नहीं रख सकता ट्रेनर : कमिश्नर
कमिश्नर केके यादव का कहना है कि कम्युनिटी सेंटरो को चलाने के लिए कार्यकारी बॉडी का गठन होना चाहिए। जिससे सदस्य अपनी सुविधा के अनुसार कम्युनिटी सेंटर चला पाएंगे। जिम चलाने के लिए कमेटियां ही ट्रेनर हायर कर सकती हैं। एमसी कम्युनिटी सेंटर के जिम के लिए ट्रेनर अलग से नहीं रख सकता है। 

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